मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में सांख्यिकीय ऑकड़ों के संग्रहण के लिए संवेदीकरण कार्यशाला सम्पन्न
सहारनपुर [24CN]। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर बनाने के लिए मण्डलायुक्त डॉ0 हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में सॉख्यिकीय ऑकड़ों के संग्रहण के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि जिले एवं प्रदेश में हो रही आर्थिक गतिविधियों के सही ऑकड़े सरकार के पास उपलब्ध नहीं हैं। सरकार की मंशा है कि भिन्न-भिन्न प्रकार के सर्वेक्षणों के माध्यम से संचालित आर्थिक गतिविधियों के सही एवं सॉख्यिकीय रूप से ऑकड़े जुटाए जाएं।
जब सरकार के पास वास्तविक ऑकड़े होंगे तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर बनाए जाने में जनपद की सकारात्मक भूमिका परिलक्षित होगी। उन्होने कहा कि संाख्यिकी अधिनियम 2008 के अनुसार सर्वे के दौरान एकत्रित किये गये आंकडे पूर्ण रूप से गोपनीय रहेंगे। इसलिए त्रुटिरहित शुद्ध आंकडे बिना किसी संकोच के उपलब्ध कराएं। उन्होने उपस्थित उद्यमियों से सभी कारखानों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराने की बात कही। उन्होने कहा कि वैश्वीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी के दौर में डिसिजन मेकिंग के साथ डाटा का शुद्ध होना आवश्यक है।
मण्डलायुक्त डॉ0 हृषिकेश भास्कर यशोद ने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाए जाने के लिए यह कार्यशाला अत्यंत ही महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि मण्डल भर में विभिन्न ट्रेड्स की तमाम इकाईयां कार्य कर रही हैं, लेकिन उनकी सही संख्या, कर्मकारों की संख्या, उनका वेतन, इकाइयों की वार्षिक आय के बारे में सही और सॉख्यिकीय आंकड़े सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। जिसका प्रभाव सीधे तौर पर जनपदों की जीडीपी पर पड़ता है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक छोटी-बड़ी इकाई शुद्ध ऑकड़े जुटाने में अपना सहयोग प्रदान करे।
उन्होने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चौथे पायदान पर है और हम तिसरे की और अग्रसर है यदि डाटा का गैप नहीं होता तो हो सकता है कि हम आज सर्वोच्चता के शिखर पर होते। आधुनिक परिवेश में डाटा का शुद्ध होना बहुत महत्वपूर्ण है इससे न केवल नीतियों को बनाने में मदद मिलती है। उन्होने कहा कि सबकी मेहनत का अभिलेखीकरण होना चाहिए ताकि उसका लाभ मिल सके। उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रयोगशाला के बाद विभाग अपने स्तर पर छोटी-छोटी कार्यशालाएं भी आयोजित करें। तथा इसकी महत्ता से लोगों को अवगत कराएं।
जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र ने उपस्थित अधिकारियों व उद्यमियों से डाटा संग्रहण में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि आंकडों की शुद्धता अर्थव्यवस्था को बढा सकती है। जनपद में सभी विभाग डाटा के शुद्धता के दृष्टिगत लोगों को जागरूक करे। डाटा की शुद्धता समृद्धि और समरसता को बढाती है।
सीडीओ श्री विजय कुमार ने कार्यशाला में सभी का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि आज की संगोष्ठि में उद्योगपतियों, व्यापारियों के विचारों से बहुमूल्य सुझाव सामने आए है।
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी अमित कुमार द्वारा कार्यशाला के उद््देेश्य पर पीपीटी के माध्यम से प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि सर्वेक्षण के महत्व के दृष्टिगत वास्तविक ऑकड़ो के संग्रहण की दिशा में जागरूकता बढ़ाने के लिये कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में हितधारक अर्थात परिवार, कारखाने, दुकानें, छोटे व्यवसाय, स्वास्थ्य देखभाल ईकाईयाँ, शिक्षा संस्थान, कानूनी व परिवहन संगठन को यह आश्वस्त करने की आवश्यकता है कि उनके द्वारा साझा की गई जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्तिगत पहचान उजागर किये बिना केवल सांख्यिकीय उद््देश्यों के लिये किया जायेगा।
आईआईए चैप्टर चेयरमैन श्री अनूप खन्ना ने कहा कि शुद्ध डाटा फीडिंग के बिना भविष्य की सही प्लानिंग संभव नहीं है।
लघु उद्योग भारती से श्री अनुपम गुप्ता ने उद्योेग हित ही राष्ट हित है इसके लिए शुद्ध डाटा एकत्रीकरण अनिवार्य है।
श्री रविन्द्र मिग्लानी सांख्यिकी फार्मों के सरलीकरण का सुझाव दिया।
संयुक्त आयुक्त उद्योग श्रीमती अंजू रानी ने एमएसएमई की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर अर्थ एवं संख्याधिकारी ए श्री प्रताप सिंह, एडीएसटीओ श्री सतेन्द्र, एडीएसटीओ श्री रोहित पालीवाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं संस्थाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।