अनिल देशमुख पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे आरोपों की जांच, उद्धव सरकार का निर्देश
मुंबई । मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्नारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया। महा विकास अघाड़ी (MVA) में तीनों घटक दल- शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। शिवसेना ने जहां सामना में अनिल देशमुख को एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर बता दिया, तो वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। इस बीच मुखयमंत्री उद्धव ठाकरे ने अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने के निर्देश दे दिए हैं।
सामना में अनिल देशमुख पर निशाना
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में अनिल देशमुख पर निशाना साधते हुए संपादकीय में लिखा है कि अनिल देशमुख ने वरिष्ठ अधिकारियों से वेवजह पंगा लिया। एक गृह मंत्री को आवश्यक होने पर ही बोलना चाहिए। अनावश्यक रूप से कैमरे के सामने जाना उचित नहीं है। राज्य के गृह मंत्री का पद संभालने वाला कोई भी व्यक्ति संदेह के घेरे में रहकर काम जारी नहीं रख सकता। पुलिस विभाग पहले से ही बदनाम है। इस तरह की बातें स्थिति को और भी संदिग्ध बनाती हैं। इसे लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अनिल देशमुख एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर नहीं हैं। यदि संपादकीय (सामाना) में सरकार की कमियों को आगे लाया गया है, तो इसे सकारात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि गृह मंत्री उन कमियों को दूर करने की दिशा में काम करेंगे।
संजय निरुपम ने ट्वीट करके उद्धव सरकार पर निशाना साधा
वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट करके उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के चाल-चलन पर शक जाहिर किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया कह चुके है कि गृह मंत्री के भविष्य का फ़ैसला मुख्यमंत्री करें। मुख्यमंत्री शिवसेना के हैं और मौन साधे हैं। फिर एक्शन लेने से मुख्यमंत्री को किसने रोक रखा है?
देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने का फैसला
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्नारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने का फैसला किया है। देशमुख ने रविवार को खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो आरोप उनपर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे,उन्होंने उसकी जांच कराने की मांग की थी। मुख्यमंत्री और राज्य शासन ने उनपर लगे आरोपों की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के द्वारा करने का निर्णय लिया है। जो भी सच है वह सामने आएगा।
परमबीर सिंह ने क्या आरोप लगाए हैं
बता दें कि मुंबई के अंटीलिया प्रकरण में उस समय नया मोड़ आ गया जब पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशुमख पुलिस अधिकारियों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली कराना चाहते थे। देशमुख घर बुलाकर अधिकारियों के वसूली के गुर भी सिखाता थे। परमबीर को 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से तबादला कर महानिदेशक होमगार्ड्स बना दिया गया था। देशमुख ने कहा था कि उनका तबादला सचिन वझे मामले में कुछ गंभीर चूक के कारण किया गया। इसके बाद पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर यह बड़़ा आरोप लगा दिया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुके हैं परमबीर सिंह
परमबीर सिंह अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुके हैं। याचिका पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस हफ्ते सुनवाई कर सकती है। याचिका में पुलिस विभाग में स्थानांतरण और पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया गया है। इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर को हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था। देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए परमबीर ने तत्काल सीबीआइ द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग की है।
एंटीलिया मामले में 35 से अधिक लोगों से पूछताछ- NIA
इस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ऩे जानकारी दी है कि एंटीलिया मामले में 35 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है,जबकि मुंबई और आस-पास के कई बार मालिकों से अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के संबंध में पूछताछ की गई है।