बहादुरगढ़। टिकरी बॉर्डर से रास्ता खोलने को लेकर किसान सहमत हो गए हैं। फिलहाल यहां से दोपहिया और एंबुलेंस के लिए रास्ता खोल दिया गया। हालांकि इससे पहले किसान रास्ता न खोलने पर अड़े हुए थे । सुबह तक तनाव की स्थिति थी। उसके बाद दिल्ली पुलिस के साथ किसानों की बैठक हुई इसमें कोई सहमति नहीं बन पाई।
इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की टिकरी बॉर्डर कमेटी ने अपनी मीटिंग की। बाद में उद्यमियों ने भी अपना पक्ष रखा। इसके बाद किसान बॉर्डर पर दोपहिया और एंबुलेंस के लिए रास्ता खोलने पर सहमत हो गए। दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत में सहमति जताने के बाद रास्ते को खोला गया। हालांकि किसानों ने अभी यह भी शर्त रखी हुई है कि रास्ते को सुबह खोला जाएगा और रात को बंद किया जाएगा लेकिन एंबुलेंस की जरूरत तो रात को भी होगी उस वक्त रास्ता कैसे बनेगा इस पर अभी सहमति नहीं बन पाई।
टीकरी बार्डर से एक तरफ का रास्ता खोलने की कवायद को झटका लगा है। आंदोलनकारियों ने पांच फीट से ज्यादा रास्ता नहीं दिया है। कार और इससे बड़े वाहनों को रास्ता न देने पर आंदोलनकारी अड़ गए हैं। उधर, दिल्ली और हरियाणा पुलिस का भी अलग-अलग मत है। दिल्ली पुलिस टीकरी बार्डर से केवल दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को ही चालू करने को तैयार है। यहां से दिल्ली में एंट्री पर वह सहमत नहीं है।
जबकि हरियाणा पुलिस वन-वे से दोनों तरफ के ट्रैफिक को चालू करने पर जोर दे रही है। फिलहाल तो दोनों सूबों की पुलिस इस बार्डर से आंदोलनकारियों से कारों के लिए भी रास्ता चाह रही है, लेकिन वे तैयार नहीं। इसी मसले पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच घंटों से ज्यादा समय तक चली लेकिन पूरा रास्ता खोलने पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
पांच फीट से ज्यादा रास्ता दिया तो होंगे हादसे
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और टीकरी बार्डर पर आंदोलन के नेता बूटा सिंह ने बैठक के बाद कहा कि टीकरी बार्डर से रास्ता खोलने पर दिल्ली और हरियाणा पुलिस का अलग-अलग मत है। जबकि हमारा मत दोनों से अलग है। अगर कारों के लिए रास्ता खुला तो यहां पर रोजाना हादसे होंगे। बैठक में जो बातें हुई, उससे संयुक्त मोर्चा को अवगत कराया जाएगा। छह नवंबर को संयुक्त मोर्चा की सिंघु बार्डर पर बैठक होगी। शनिवार सुबह 10 बजे प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आएंगे। हम यहां से पांच फीट का रास्ता खोलने पर सहमत हैं।