दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस दो फाड़ हो गई है। कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को तारीफ करते हुए कहा कि नई अग्निपथ योजना सही दिशा में एक बहुत जरूरी सुधार है और सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर सैनिकों की भर्ती के लिए योजना का एलान किया।

बेरोजगार युवाओं की अग्निपरीक्षा न लें

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया कि वह बेरोजगार युवाओं की अग्निपरीक्षा न लें। राहुल गांधी ने हिंदी में ट्वीट कर कहा, ‘दो साल से कोई रैंक, कोई पेंशन, कोई सीधी भर्ती नहीं, चार साल बाद कोई निश्चित भविष्य नहीं, सेना के प्रति सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिखाया। प्रधानमंत्री महोदय, देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए, अग्निपथ पर चलाकर उनके धैर्य की अग्निपरीक्षा मत लीजिए।’

उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी हिंदी में ट्वीट कर कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती की तैयारी कर रहे लोगों की आंखों में अपने देश और माता-पिता की सेवा करने जैसे भविष्य के लिए कई सारे सपने हैं। उन्होंने कहा, ‘सेना में भर्ती की नई योजना उन्हें क्या देगी? चार साल बाद नौकरी की कोई गारंटी नहीं, पेंशन की कोई सुविधा नहीं, कोई रैंक नहीं, कोई पेंशन नहीं। नरेन्द्र मोदी जी युवाओं के सपनों को मत कुचलिए।’

योजना को लेकर मनीष तिवारी ने कहा, यह एक ऐसा सुधार है, जिसकी बहुत जरूरत है और यह सही दिशा में एक सुधार है। मैं अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के साथ सहानुभूति रखता हूं। वास्तविकता यह है कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी पर हल्के मानव पदचिह्न के साथ एक युवा सशस्त्र बल की आवश्यकता है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, संघ के सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।

उनकी यह टिप्पणी पार्टी से भिन्न है, जिसने इस योजना पर सरकार की आलोचना की है और मांग की है कि इसे स्थगित रखा जाना चाहिए और विशेषज्ञों और अन्य लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद अगला कदम उठाया जाना चाहिए।

योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को तीनों सेवाओं में शामिल किया जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद, योजना में नियमित सेवा के लिए 25 प्रतिशत रंगरूटों को बनाए रखने का प्रावधान है।

सरकार ने कहा है कि नया माडल न केवल सशस्त्र बलों में नई क्षमताएं लाएगा बल्कि निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए भी रास्ते खोलेगा।