मैन्युअल ड्रिलिंग का दो मीटर काम पूरा, 5-6 मीटर और होगी खुदाई, एक्सपर्ट ने दी ये जानकारी

सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों फंसे हुए आज 17 दिन हो गए. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दो प्लान पर एक साथ काम चल रहा है और दोनों ही प्लान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
New Delhi: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का काम तेजी से चल रहा है. ऑगर मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन फेल होने के बाद अब मैन्युअल ड्रिलिंग की जा रही है. सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने इस बात की खुशी जताई कि सोमवार रात को मैन्युअल ड्रिलिंग का काम ठीक से चलता रहा और इसमें कोई बाधा नहीं आई.
उन्होंने कहा कि, “कल रात यह बहुत अच्छा हुआ, हम 50 मीटर पार कर चुके हैं. अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है…कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं आई. यह बहुत अच्छा लग रहा है.” अब तक मैन्युअल ड्रिलिंग का दो मीटर काम पूरा हो चुका है. पाइप को पुश करने के लिए ऑगर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. हालांकि खुदाई हाथों से की जा रही है.
दो प्लान पर चल रहा काम
बता दें कि फिलहाल सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दो प्लान पर काम चल रहा है. पहला प्लान पहले की तरह हॉरिजेंटल ड्रिलिंग यानी सुरंग के अंदर खुदाई कर पाइप डालकर मजदूरों को निकालने की कोशिश. वहीं दूसरा प्लान वर्टिकल ड्रिलिंग जो सुरंग के ऊपर से की जा रही है. दोनों प्लान पर एक साथ काम चल रहा है, अच्छी बात ये है कि दोनों काम में अभी तक कोई बाधा नहीं आई है.
बता दें कि इससे पहले खुदाई का काम कर रही ऑगर मशीन फेल हो गई. उसके बाद सोमवार को रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट ने खुदाई का काम शुरू किया. इसके साथ ही सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. बताया जा रहा है कि वर्टिकल ड्रिलिंग भी 42 मीटर हो चुकी है. मजदूरों को ऊपर से रेस्क्यू करने के लिए कुल 86 मीटर खुदाई करनी है. उसके बाद ऊपर से भी मजदूरों को निकाला जा सकता है.
12 नवंबर से सिलक्यारा सुरंग में फंसे हैं 41 मजदूर
बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बनाई जा रही सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर को सुरंग का हिस्सा ढह गया था. इसके चलते सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से खुदाई का काम शुरू किया गया था. इस मशीन सुरंग में ड्रिलिंग कर 800 मिमी मीटर व्यास का पाइप डाला जा रहा है, लेकिन ये मशीन करीब 48 मीटर की खुदाई करने के बाद मलबे में फंस कर टूट गई. इसके बाद मशीन को काटकर बाहर निकालना पड़ा.