एसबीआई के दो बड़े फैसले, जीरो बैलेंस की सुविधा दी और बचत खातों पर घटाई ब्याज दर
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को गुरुवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। पहले फैसले में एसबीआई ने बचत खाते पर जीरो बैलेंस की सुविधा दी है, जबकि दूसरे फैसले में बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दर घटा दी है।
एसबीआई ने बुधवार को जो फैसला लिया है इसके तहत बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। ऐसे में अब ग्राहकों के खाते में रकम नहीं होने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। जबकि दूसरे फैसले के तहत बैंक ने बचत खातों पर अब तक मिल रही 3.25 फीसदी की ब्याज दर को घटाकर फ्लैट 3 फीसदी कर दिया है।
पहला फैसला ऐसे समझें: जीरो बैलेंस की अनिवार्यता खत्म
बता दें कि अभी मेट्रो शहरों में बचत खाताधारकों को न्यूनतम राशि के रूप में 3000 रुपये, कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये खाते में रखने होते हैं। अभी तक न्यूनतम राशि की शर्त पूरी नहीं करने पर ग्राहकों को पांच से 15 रुपये तक जुर्माना और करों का भुगतान करना पड़ता था। इस संबंध में बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यह फैसला और अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला होगा।
दूसरा फैसला ऐसे समझें: बचत खाते पर ब्याज दर घटाई
बैंक ने एक और फैसला लिया
एसबीआई ने उपरोक्त दोनों फैसलों के अलावा एक और निर्णय लिया है। इसके तहत अब उसके ग्राहकों को एसएमएस सेवा के लिए त्रैमासिक आधार पर लगने वाला शुल्क नहीं चुकाना होगा। इसे भी खत्म कर दिया गया है।