अखिलेश यादव समेत दो दर्जन MP-MLA ने जौहर विश्वविद्यालय के लिए खोल दिया था खजाना, जांच में खुलासा
जौहर विश्वविद्यालय में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में आजम खां के ठिकानों पर हुई आयकर विभाग की जांच के बाद अब ईडी का शिकंजा भी कसेगा। अभीतक की जांच में सामने आया है कि अखिलेश यादव समेत दो दर्जन सांसद और विधायकों ने जौहर विश्वविद्यालय के लिए अपना खजाना खोल दिया था। अब इस मामले में कई सफेदपोशों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
लखनऊ। जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए तत्कालीन लगभग दो दर्जन सांसदों व विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) ने अपने खजाने का मुंह खोला था। विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय व अन्य निर्माण कार्यों के लिए विधायक निधि से भी लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये दिए गए थे। इनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व आजम खां की पत्नी व तत्कालीन राज्य सभा सदस्य तजीन फात्मा के नाम भी शामिल हैं।
जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में सरकारी विभागों ने ही नहीं, माननीयों ने भी अपनी निधि से 10 लाख रुपये से लेकर 45 लाख रुपये तक जौहर विश्वविद्यालय के कार्यों के लिए प्रदान किए थे। बताया गया कि बाद में यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट के निर्देश पर विधायक निधि की रकम सरकारी कोष में वापस हुई थी।
सूत्रों का कहना है कि तजीन फात्मा ने अपनी सांसद निधि से विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों के लिए तीन बार में कुल 22.39 लाख रुपये दिए थे। वहीं अखिलेश यादव ने अपनी विधायक निधि से विश्वविद्यालय के विधि संकाय में शौचालय के निर्माण के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल ने निधि से सर्वाधिक 45 लाख रुपये दिए थे।
तत्कालीन एमएलसी राजेन्द्र चौधरी, मधु गुप्ता, बुक्कल नवाब, बलराम यादव, रमेश यादव, राम सुंदर दास, यशवंत सिंह, विजय यादव, अंबिका चौधरी, अहमद हसन, लीलावती कुशवाहा, आरएसएस यादव, राम सकल गुर्जर, राम जतन राजभर व अन्य ने भी विधायक निधि से 10 लाख से 30 लाख रुपये तक दिए थे। विधायक निधि के खर्च को लेकर जारी आदेशों को भी जुटाया जा रहा है। इसे लेकर आयकर विभाग ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से सूचनाएं मांगी हैं।