दो बंगलादेशी नागरिकों को सुनाई कारावास व अर्थदंड की सजा
सहारनपुर [24CN]। विशेष न्यायालय मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट कस्टम लखनऊ द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से भारत में निवास करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो बंगलादेशियों को चार वर्ष के कारावास व 6500 रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नवम्बर 2020 में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भारत में निवास करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों आरोपियों के कब्जे से आधार कार्ड, वोटर कार्ड, इम्पलाई कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि प्राप्त हुए थे। मूल रूप से बंगलादेश के निवासी दोनों आरोपी सगे भाई हैं जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2007 से देश में रह रहे थे। दोनों आरोपी 2013 में अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किए गए थे तथा लगभग दो साल जेल में रहे हैं। जेलसे रिहा होने के बाद दोनों को बंगलादेश के जाने के लिए आदेशित कर दिया गया था। यह दोनों 2015 में दोबारा अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में आ गए तथा दलालों के माध्यम से सहारनपुर के पते से फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड व पासपोर्ट बनवा लिया था। यह दोनों बंगलादेश, अमेरिका, सऊदी अरब, इटली, ब्रिटेन, आस्ट्रिया और म्यांमार के लोगों के सम्पर्क में थे। आज विशेष न्यायालय मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट कस्टम लखनऊ ने अभियोग की सुनवाई के दौरान प्रभावी पैरवी व पुष्ट साक्ष्य संकलन के कारण आरोपियों द्वारा अपराध स्वीकार कर लिया गया। इस कारण विशेष न्यायालय ने दोनों आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई। इस तरह इकबाल को 4 वर्ष का कारावास व 65 हजार रूपए के अर्थदंड व फारूख को 4 वर्ष के कारावास व 4 हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।