Twitter India के एमडी मनीष माहेश्वरी को मिली कोर्ट से अग्रिम जमानत

- मनीष ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी. बता दें कि ट्विटर इंडिया के प्रबंधक निदेशक मनीष माहेश्वरी को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत दे दी है.
दिल्ली: गाजियाबाद के लोनी जिले में बुजुर्ग के साथ हुई अभद्रता के साथ वीडियो वायरल केस में टि्वटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी ने कोर्ट का रुख कर लिया है. उन्हें मामले की पूछताछ के लिए गाजियाबाद पुलिस के सामने पेश होना था. लेकिन मनीष ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी. इस पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ट्विटर इंडिया के प्रबंधक निदेशक मनीष माहेश्वरी को अंतरिम राहत दे दी है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने टि्वटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को अग्रिम जमानत दे दी है. साथ ही कर्नाटक हाई कोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को निर्देश दिया है कि अभी फ़िलहाल मनीष माहेश्वरी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाए. कोर्ट ने कहा है कि अगर गाजियाबाद पुलिस पूछताछ करना चाहती है तो वर्चुअल कर सकती है.
इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील एक वीडियो जारी होने के मामले में सोमवार को ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को आगाह किया था कि अगर वह 24 जून को उसके समक्ष पेश नहीं हुए और जांच में शामिल नहीं हुए तो इसे जांच में बाधा के समान माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.
ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी के वकील ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि वह (मनीष माहेश्वरी) संगठन के कर्मचारी हैं और उनका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है. मनीष माहेश्वरी के वकील ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया कि एमडी मनीष माहेश्वरी बेंगलुरु में रह रहा है. वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज किया जा सकता है लेकिन गाजियाबाद पुलिस उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति चाहती है.
ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक (Twitter Indian Managing Director) मनीष माहेश्वरी को गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने दूसरा नोटिस जारी करके आगाह किया था कि उनके पेश नहीं होने की सूरत में उनके खिलाफ जांच को बाधित करने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा. हालांकि अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस को निर्देश दिया है वह उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए.