अमर शहीद भाई तारू सिंघ की शहादत को किया नमन

  • केश न कटवाने पर खोपड़ी उतार कर किया गया था शहीद

देवबंद [24CN] : उत्तर प्रदेश सिख फोरम की बैठक में धर्म के लिए कुर्बानी देने वाले अमर शहीद भाई तारू सिंह जी की शहादत को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए फोरम के उपाध्यक्ष सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि 18 वीं सदी में जब मुगल फौज एक-एक सिख को चुन चुन कर मार रही थी उस समय अमृतसर के गांव पूहला निवासी भाई तारू सिंघ जी जंगल में छिपे सिखों तक अन्न-पानी पंहुचाने की सेवा करते थे। मुगल हाकिम जकारिया खान को जब ये पता चला तो उसने भाई तारू सिंघ को कैद कर लिया। जकारिया खान ने आजाद होने के लिए भाई तारू सिंघ के सामने केश कटवाकर इस्लाम कबूल करने की शर्त रखी।

फोरम के सहारनपुर मंडल प्रभारी गुरजोत सिंह सेठी ने कहा कि भाई तारू सिंह जी जैसी लासानी शहादत दुनिया के इतिहास में देखने को नही मिलती उनकेे केश कटवाने से मना करने पर जकारिया खान ने उनकी खोपड़ी उतारने का आदेश दिया। जल्लाद द्वारा भाई तारू सिंह जी की खोपड़ी उतारने के बाद उन्हें किले से बाहर खाई में फेंक दिया गया लेकिन वे मरने से बच गए। इस घटना के बाद जकारिया खान की तबीयत खराब हो गई और उसका पेशाब बंद हो गया और कुछ दिनों के बाद उसकी मौत हो गई। जकारिया खान की मौत के बाद भाई तारू सिंह भी शहीद हो गए।

बैठक में भाई तारू सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान दिलबाग सिंह उप्पल, मनिन्दर सिंह, अंकुश छाबड़ा, हरपाल सिंह कपूर, लाडी कपूर, अरविंदर सिंह काका, शुशविंदर पाल सिंह टोनी, बालेंद्र सिंह, बलदीप सिंह, डा. गुरदीप सिंह सोढी, श्याम लाल भारती, आदि मौजूद थे।