दिल्ली मेट्रो में बिना स्मार्ट कार्ड कर सकेंगे सफर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड से चलेगा काम

दिल्ली मेट्रो में बिना स्मार्ट कार्ड कर सकेंगे सफर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड से चलेगा काम

नई दिल्ली
अगर आप दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं, तो हो सकता है कि अगले साल से आपको मेट्रो का स्मार्ट कार्ड साथ रखने की जरूरत न पड़े और आपका डेबिट/क्रेडिट कार्ड ही मेट्रो के स्मार्ट कार्ड का भी काम करे। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को अमली जामा पहनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए DMRC ने इस पर काम शुरू कर दिया है। सबसे पहले एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर इसका ट्रायल किया जाएगा और अगर सबकुछ ठीक रहा, तो अगले साल से मेट्रो की अन्य लाइनों पर भी इसी सिस्टम को लागू किया जा सकता है।

अलग से मेट्रो कार्ड की जरूरत नहीं होगी

यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो लोगों को अलग से मेट्रो स्मार्ट कार्ड लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि बैंक के डेबिट/क्रेडिट कार्ड को ही एएफसी गेट पर मेट्रो कार्ड की तरह पंच करके एंट्री और एग्जिट कर सकेंगे और किराया अपने आप उनके खाते से कट जाएगा। इसके लिए मेट्रो स्टेशनों के एंट्री-एग्जिट पॉइंट पर लगे एएफसी गेटों के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जाएगा। वहीं लोगों को भी वीजा या मास्टर कार्ड की बजाय रूपे आधारित डेबिट/क्रेडिट कार्ड बैंक से इश्यू करवाना पड़ेगा। आगे चलकर इसी के जरिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों में भी किराए का भुगतान किया जा सकेगा।बार-बार रिचार्ज कराने का झंझट खत्म होगा

रूपे भारत का अपना घरेलू पेमेंट गेटवे है, जिसके माध्यम से बैंक ऐसे कार्ड जारी करेंगे, जिनमें खास तरह की मैग्नेटिक स्ट्रिप लगी होगी। मेट्रो के एएफसी गेट इसी स्ट्रिप के जरिए कार्ड को रीड करेंगे और यात्रा पूरी होने पर किराया सीधे यात्री के बैंक अकाउंट से कट जाएगा। इससे कार्ड को बार-बार रिचार्ज कराने का झंझट ही खत्म हो जाएगा।

ट्रायल एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर किया जाएगा
सबसे पहले इस सिस्टम का ट्रायल एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर किया जाएगा, जिसमें अभी यात्री टोकन, स्मार्ट कार्ड, ट्रिप पास या क्यूआर कोड जैसे क्लोज्ड लूप सिस्टम के जरिए यात्रा करते हैं। रूपे कार्ड आधारित नैशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के जरिए इस लाइन पर ओपन लूप सिस्टम लागू किया जाएगा, जिसमें किसी भी बैंक के द्वारा जारी किए गए रूपे आधारित कार्ड के जरिए लोग यात्रा कर सकेंगे। साथ ही भविष्य में मेट्रो सिस्टम को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों से जोड़ने में भी मदद मिलेगी और लोग डीटीसी और क्लस्टर बस, इंटरस्टेट बस, रैपिड मेट्रो और मेट्रो फीडर समेत किसी भी सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने के लिए अपने बैंकिंग कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे।कोच्चि, नागपुर, नोएडा से अलग होगा यह सिस्टम
DMRC के अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट लाइन पर इस सिस्टम को लागू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जिस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा, वह मेट्रो के एएफसी गेट के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करेगी, ताकि वह मेट्रो के स्मार्ट कार्ड के साथ-साथ रूपे आधारित ओपन लूप कार्ड को भी रीड कर सके। साथ ही नया फर्मवेयर भी डिवेलप किया जाएगा। एएफसी गेटों में लगे ईएमवी रीडर की भी रेट्रोफिटिंग की जाएगी और नए रीडर लगाए जाएंगे, जो दोनों तरह के कार्ड को रीड करने में सक्षम होंगे।

मिनिमम अमाउंट हमेशा जमा रखना होगा
रूपे कार्ड में एक मिनिमम अमाउंट हमेशा जमा रखना होगा। अगर अकाउंट में उससे कम रकम हुई, तो कार्ड पंच करने के बाद एएफसी गेट नहीं खुलेगा। अगर कोई क्रेडिट कार्ड धारक यात्रा करने के बाद बैंक को भुगतान नहीं करता है, तो उसका हर्जाना DMRC को नहीं भुगतना पड़ेगा। रूपे कार्ड का इस्तेमाल ट्रिप पास के रूप में भी किया जा सकेगा। सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर डिवेलप करने के बाद कॉन्ट्रैक्टर उसे एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के एएफसी गेटों में स्टॉल करके यह सुनिश्चित करेगा कि वह सही तरीके से काम करे।

दिसंबर तक यह काम पूरा हो जाएगा
उम्मीद की जा रही है कि टेंडर अलॉट होने के बाद इसी साल दिसंबर तक यह काम पूरा हो जाएगा और अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो फिर अगले साल से मेट्रो की अन्य लाइनों पर भी इस सिस्टम को लागू किया जा सकता है। अभी कोच्चि, नागपुर और नोएडा मेट्रो में इसी तरह का सिस्टम लगा है, लेकिन वह किसी खास बैंक के कार्ड को ही रीड कर पाता है, जबकि DMRC ऐसा सिस्टम डिवेलप कर रही है, जिसमें सभी बैंकों के कार्ड चलेंगे।


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