Train and Delhi Metro in Lockdown: संकट को अवसर में बदला, मजबूत किया बुनियादी ढांचा

नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की वजह से रेल परिचालन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। 22 मार्च से ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई थी। रेल प्रशासन इस संकट को अवसर में बदलते हुए बड़े स्तर पर संरक्षा व विकास कार्य शुरू करने के साथ ही मिशन रफ्तार को गति दे रहा है। एक जून से विशेष ट्रेनें चल रही हैं।
13.5 लाख कामगारों को घर पहुंचाया
उत्तर रेलवे द्वारा पांच मई से एक जुलाई तक 917 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाकर लगभग 13.5 लाख कामगारों को उनके घर पहुंचाया गया। दिल्ली से 254 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं। कोरोना से जंग में रेल का साथमार्च में ही उत्तर रेलवे में कोरोना को लेकर विशेष कंट्रोल रूम तैयार कर लिया गया था। इस महामारी से लड़ने के लिए रेलवे कारखानों में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट , मास्क व सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू किया गया। दिल्ली सरकार की मांग पर नौ रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच उपलब्ध कराए गए हैं। शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर आइसोलेशन कोच में लगभग साढ़े आठ सौ मरीजों का इलाज किया गया है।
जीवन रक्षक बनी रेल
लाकडाउन के दौर में जब परिवहन व्यवस्था ठप थी। उस समय एक शहर से दूसरे शहर में जीवन रक्षक दवाइयां, मेडिकल उपकरण व कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए मास्क पहुंचाने के लिए विशेष पार्सल ट्रेनें शुरू की गईं।रेलवे पुल की दशा सुधारी गई कोरोना काल में पुल मिठाई के साथ ही सदर बाजार, किशनगंज, दयाबस्ती, शकूरबस्ती, अशोक विहार, आनंद पर्वत, क्विंस रोड, इंद्रपुरी, लाजपत नगर, दिल्ली सराय रोहिल्ला, मथुरा रोड, लिबर्टी, नारायणा, सफदरजंग/चाणक्यपुरी और जंगपुरा में रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) व फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) की दशा सुधारी गई।
रिकार्ड माल ढुलाई कोरोना काल में माल ढुलाई को बढ़ावा दिया गया। उत्तर रेलवे में इस वर्ष अब तक 42.62 मिलियन टन माल लदान हुआ है, पिछले वर्ष की तुलना में यह 25 फीसद ज्यादा है। एक दिन में 120 रैक में लदान का भी रिकार्ड बना है। कम समय में ज्यादा माल ढुलाई के लिए अंबा, अंत्योदय व अन्नपूर्णा जैसी लंबी मालगाडि़यां चलाई जा रही हैं।
बदबूदार शौचालय से मिलेगी मुक्ति
ट्रेनों में हवाई जहाज की तरह बायो वैक्यूम शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम चल रहा है। उत्तर रेलवे की सभी शताब्दी ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। अब तक 1382 कोच में इस तरह के शौचालय लगा दिए गए हैं।
पार्सल सेवा हुई बेहतर
उच्च क्षमता वाली एलएचबी पार्सल वैन की शुरुआत की गई है। इसकी कुल वहन क्षमता 24 टन है और यह 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। अब हेल्पलाइन नंबर 139 पर रेलवे पार्सल सेवा से संबंधित सभी जानकारी मिलेगी।
मिशन रफ्तार को मिल रही है गति
माल गाडि़यों की रफ्तार 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे या इससे भी ज्यादा करने के लिए काम चल रहा है। कई रेल खंड की रफ्तार क्षमता बढ़ाई गई है, जिससे आने वाले दिनों में कम समय में सफर पूरा हो सकेगा।
नई दिल्ली की बदल जाएगी सूरत
नई दिल्ली को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। लगभग 65 सौ करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा निजी भागीदारी से यह काम किया जा रहा है। पुनर्विकास में स्टेशन परिसर में आगमन और प्रस्थान के लिए अलग प्रावधान, प्लेटफार्मों का नवीनीकरण, यात्रियों की सुविधाओं के लिए लाउंज, फूड कोर्ट और शौचालय, एलिवेटेड रोड नेटवर्क, मल्टी-लेवल कार पार्किंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है। 30 एकड़ भूमि पर कार्यालय व व्यवसायिक इमारतें, पांच सितारा व बजट होटल आदि का निर्माण किया जाएगा। कनाट प्लेस के नजदीक भवभूति मार्ग पर व्यावसायिक केंद्र बनाने की भी योजना है।
सेहतमंद भारत का प्रतीक बना स्टेशन
आनंद विहार रेलवे टर्मिनल को सेहतमंद भारत के प्रतीक के तौर पर विकसित किया जा रहा है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इस स्टेशन को ईट राइट स्टेशन का प्रमाण पत्र और फाइव स्टार की रे¨टग दी है। देश में पहली बार इस रेलवे स्टेशन पर उठक-बैठक करके मुफ्त प्लेटफार्म टिकट हासिल करने की योजना भी शुरू की गई है।
किसान आंदोलन से हुआ नुकसान
कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में रेल परिचालन 24 सितंबर से बंद हो गया था। न यात्री ट्रेनें चल रही थीं और न मालगाड़ी। दो माह बाद 24 नवंबर से आंशिक तौर पर रेल परिचालन शुरू हुआ है। रेलवे को 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।
उत्तर रेलवे में ये हुआ
– आनंद विहार-साहिबाबाद रेलखंड पर स्थित चंद्र नगर हाल्ट स्थित रेल पुल की दशा भी सुधार दी गई है।
– दयाबस्ती-आदर्श नगर सेक्शन पर रोड अंडर ब्रिज की मरम्मत का कार्य पूरा किया। इससे वजीरपुर व अशोक नगर से रिंग रोड की ओर जाने वाले लोगों की परेशानी दूर हुई।
– दिल्ली मंडल ने बैग्स आन व्हील्स सेवा शुरू की है। इसमें यात्री का सामान घर से ट्रेन तक और गंतव्य से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होगी।
– दिव्यांग रेल यात्रियों को अपने प्रमाण पत्र बनाने के लिए दिल्ली रेल मंडल ने आनलाइन आवेदन पोर्टल की शुरुआत की है।
– सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे लाइन के किनारे से अवैध झुग्गियों को हटाने का निर्देश दिया है। रेल प्रशासन दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहा है।
मेट्रो
कोरोना से बचाव के साथ शुरू हुआ परिचालन कोरोना की वजह से करीब साढ़े छह माह मेट्रो का परिचालन बंद रहा। सात सितंबर से दिल्ली मेट्रो का नए नियमों के साथ परिचालन शुरू हुआ। एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था और शारीरिक दूरी के नियम के पालन के कारण मेट्रो का परिचालन करीब 20 फीसद क्षमता के साथ हो रहा है। लाकडाउन में मेट्रो का परिचालन बंद रहने के दौरान दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने खाली समय का इस्तेमाल सबसे पुराने कारिडोर (रेड लाइन) के मेट्रो स्टेशनों के सुंदरीकरण में इस्तेमाल किया। इस कॉरिडोर के रिठाला से दिलशाद गार्डन के बीच स्थित सभी 21 स्टेशनों के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई।
11 स्टेशनों का नवीनीकरण किया जा चुका है
फेज चार की परियोजनाओं पर शुरू हुआ काम दिल्ली मेट्रो में इस साल फेज चार की परियोजनाओं पर भी काम शुरू हुआ। इसमें 65.1 किलोमीटर लंबाई के तीन कारिडोर बनाए जा रहे हैं। इसमें 27.08 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत व 38.01 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा। यमुना पर मेट्रो के पांचवें पुल का निर्माण शुरू हुआ, जो 560 मीटर लंबा होगा।
यह पुल मौजपुर-मजलिस पार्क कारिडोर का हिस्सा होगा।डबल डेकर कारिडोर का निर्माण शुरू डीएमआरसी ने फेज चार के एरोसिटी-तुगलकाबाद कारिडोर पर डबल डेकर कारिडोर का निर्माण शुरू किया। यह कारिडोर महरौली बदरपुर रोड पर संगम विहार से अंबेडकर नगर के बीच बनाया जा रहा है। इस कारिडोर पर फ्लाईओवर और उसके ऊपर मेट्रो का कारिडोर होगा। यह दिल्ली का पहला डबल डेकर कारिडोर होगा।
फेज चार की परियोजनाएं
मौजपुर-मजलिस पार्क कारिडोर पर एरोसिटी तुलगकाबाद- 23.62 किलोमीटर, 16 स्टेशन।
जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम- 28.92 किलोमीटर
मौजपुर से मजलिस पार्क- 12.55 किलोमीटर
परिवहन
सरकार ने 300 नई बसें सड़कों पर उतारीं कोरोना काल में भी दिल्ली सरकार बसों का बेड़ा बढ़ाने में लगी हुई है। इस साल करीब 300 नई बसें सड़कों पर उतारी जा चुकी हैं। परिवहन विभाग ने क्लस्टर स्कीम के तहत 1440 लो फ्लोर सीएनजी एसी बसें लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही तीन हजार बसें खरीदने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें 1300 इलेक्टि्रक बसें भी शामिल हैं। इस समय राजधानी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर स्कीम के तहत कुल 6601 बसें उपलब्ध हैं,। इनमें डीटीसी की 3762 बसें हैं।