यमुना नदी का जलस्तर बढऩे से धंसा रेलवे ट्रैक, ट्रेनों का आवागमन रहा बाधित

- सहारनपुर में सरसावा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त रेल पटरी का मरम्मत कार्य करते रेलकर्मी।
सरसावा। शिवालिक पहाडिय़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढऩे से एक ओर जहां नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं दूसरी ओर पानी से मिट्टी का कटाव होने के कारण रेलवे लाईन एक फुट खिसकने के चलते रेलवे ट्रैक करीब छह घंटे बाधित रहा।
गौरतलब है कि शिवालिक पहाडिय़ों में विगत कई दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया था जिस कारण यमुना नदी का जलस्तर बढऩे से नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यमुना नदी का पानी किसानों के खेतों में घुसने से अनेक किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। वहीं हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी से आज सुबह शाहजहांपुर रेलवे फाटक पर मिट्टी का कटाव होने के कारण रेल लाईन करीब दो फुट नीचे खिसक गई जिस कारण अमृतसर से सहरसा जाने वाली ट्रेन को घटनास्थल से करीब 200 मीटर पीछे छोड़ दिया गया। इसके अलावा अकाल तख्त एक्सप्रेस व एक मालगाड़ी को सरसावा स्टेशन पर रोक दिया गया। मिट्टी का कटाव होने के कारण अम्बाला-सहारनपुर रेलवे ट्रैक करीब छह घंटे बाधित रहा। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची रेलवे मेंटीनेंस की टीम ने युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक रेलवे लाईन पर ट्रेनों का आवागमन सुचारू नहीं हो पाया था।