Toolkit Case : निकिता जैकब ने जूम मीटिंग की बात कबूली, दिशा रवि व ग्रेटा के वॉट्सऐप चैट में सामने आया खौफ
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए टूलकिट केस में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का सामना कर रहीं वकील कार्यकर्ता निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट में दाखिल की गई ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी के साथ दाखिल एक दस्तावेज में निकिता जैकब ने दिल्ली पुलिस को दिए बयान का उल्लेख किया गया है। बयान में घटनाओं के बारे में विवरण दिया है। उधर, दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग के बीच हुई वॉट्सऐप चैट सामने आया है, जिसमें उस पर यूएपीए लगने का डर सता रहा है।टूलकिट मामले से जुड़े पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक 20 से 27 जनवरी के बीच दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर मौजूद रहे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ जूम कॉल मीटिंग
वकील और कार्यकर्ता निकिता जैकब ने बताया कि 11 जनवरी को पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ जूम कॉल मीटिंग के बारे में लिखा है। उस मीटिंग में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल थे और होस्ट यानी कि मेजबान ने यह स्पष्ट किया था कि अभियान का कोई राजनीतिक या धार्मिक रंग रूप नही होगा। बातचीत के केंद्र में सिर्फ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुद्दे थे। होस्ट ने बताया था कि सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रहेगी।
निकिता ने अपने बयान में कहा कि वो अन्य कई कार्यकर्ताओं की तरह दिल्ली में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के शांतिपूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करने और विरोध के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए शोध और प्रचार कर रही थीं। उनका अपना कोई राजनीतिक, धार्मिक या वित्तीय उद्देश्य नहीं था। निकिता ने यह भी कहा कि उनका आम आदमी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है। ज्ञात हो कि पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन का खालिस्तानी आंदोलन से संबंध हैं।
ग्रेटा और दिशा रवि के बीच वॉट्सऐप चैट
इस बीच तीन फरवरी की रात का वो वॉट्सऐप चैट सामने आया है जो दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गर्इ बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि और स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के बीच हुई थी। चैट से खुलासा हुआ कि ग्रेटा ने जब गलती से टूलकिट ट्वीट कर दिया तो दिशा बुरी तरह डर गई। दिशा को आतंकवाद निरोधक एक्ट यूएपीए (UAPA) का डर सताने लगा।
ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर किसान आंदोलन से जुड़ा टूलकिट तीन फरवरी को अपलोड किया था, जो बाद में डिलीट कर दिया गया। इसे लेकर उसी रात को दोनों के बीच चैट हुई। 9 बजकर 23 मिनट पर दिशा ने मैसेज कर ग्रेटा थनवर्ग को उसकी गलती बताई। इसके दो मिनट बाद रात 9 बजकर 25 मिनट पर ग्रेटा ने दिशा को मैसेज किया। इसमें लिखा कि वास्तव में ये अच्छा होगा कि इसे अब तैयार कर लिया जाए। मुझे इसकी वजह से काफी धमकियां मिलेंगी। वास्तव में ये मामला तूल पकड़ रहा है। जवाब में दिशा गलती का इजहार करते हुए कहती हैं कि मैं ये भेज रही हूं तुम्हें।
दिशा – क्या ऐसा हो सकता है कि आप टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें? क्या हम थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है। जब दिशा ने ग्रेटा थनवर्ग से यूएपीए वाली बात कही तो कुछ देर तक ग्रेटा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इससे दिशा और घबरा गई।
चार मिनट बाद यानी रात 9 बजकर 40 मिनट पर दिशा फिर वॉट्सऐप करती है और ग्रेटा से पूछती हैं क्या वो ठीक हैं? ग्रेटा थनबर्ग -मुझे कुछ लिखने की जरूरत है। दिशा कहती है कि क्या आप पांच मिनट दे सकती हैं. मैं वकीलों से बात कर रही हूं। ज्ञात हो कि इस मामले में टूल किट मामले में दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने उसे पांच दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया है।