आज भारत आएगा मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, 26/11 हमले के पीड़ित बोले- उसे कसाब की तरह न पालें

पीड़ितों ने की राणा के लिए मृत्युदंड की मांग
राणा को जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए
देविका सीएसएमटी स्टेशन पर हुए हमले की प्रमुख गवाह थी और उन्होंने ही आतंकी अजमल कसाब की पहचान की थी। ताज महल पैलेस होटल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने भी कहा कि उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए। उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।
तहव्वुर राणा को जेल में बिरयानी देने की जरूरत नहीं
26/11 हमले में राणा की भूमिका
मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दायर 405 पन्नों के पांचवें पूरक आरोपपत्र में 26/11 आतंकी हमले में राणा की संलिप्तता का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार, राणा ने 11 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 तक भारत में प्रवास के दौरान सह-साजिशकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साक्ष्य पुष्टि करते हैं कि राणा 20 और 21 नवंबर, 2008 को मुंबई में था और पवई के एक होटल में ठहरा था।
हमलों से कुछ दिन पहले चीन भाग गया था राणा
राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से की थी चर्चा
क्राइम ब्रांच ने पाया कि अपने प्रवास के दौरान राणा ने शहर में भीड़भाड़ वाली जगहों के बारे में उस होटल के कर्मचारियों से चर्चा की थी, जहां वह ठहरा हुआ था। इनमें से कुछ जगहों को बाद में हमलावरों ने निशाना बनाया था, जिसमें सीएसएमटी भी शामिल है।
राणा ने पाकिस्तानी हैंडलर से ली थी बचने की सलाह
अपने जवाब में राणा ने हेडली को पाकिस्तान के 26/11 के हैंडलरों में से एक मेजर इकबाल से परामर्श करने की सलाह दी। क्राइम ब्रांच ने शिवसेना कार्यकर्ता का बयान भी दर्ज किया था, जिसने पुष्टि की थी कि हेडली ने शिवसेना भवन के पास उससे मुलाकात की थी। उसने हेडली को एक पर्यटक माना था जो शिवसेना भवन और मातोश्री जाना चाहता था।