आज विशेष चार्टर उड़ान से 100 लोग काबुल से लौटेंगे भारत, ये लोग होंगे शामिल

- सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सिख व्यक्ति को दिखाया गया है, जो अफगान सिखों और हिंदुओं में से एक था. जिसे यह कहते हुए सुना जा रहा है कि वह अफगानिस्तान से लगभग तीन महीने के इंतजार के बाद उड़ान भर रहे हैं.
नई दिल्ली: काबुल से शुक्रवार को एक विशेष चार्टर उड़ान 100 से अधिक लोगों को लेकर नई दिल्ली पहुंचेगी जिनमें से अधिकांश अफगान सिख और हिंदू हैं. ये सभी अफगान सिख और हिंदू हैं. वहीं इसी उड़ान से भारत में फंसे अफगान नागरिकों और चिकित्सा आपूर्ति को वापस ले जाया जाएगा. कुछ भारतीय नागरिकों के भी काबुल से निकाले जा रहे समूह में शामिल होने की उम्मीद है. यह जानकारी इस मामले के जानकार लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर दी है. भारतीय अधिकारियों और नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने पिछले कुछ हफ्तों में चार्टर उड़ान की व्यवस्था करने के लिए सावधानी से काम किया है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सिख व्यक्ति को दिखाया गया है, जो अफगान सिखों और हिंदुओं में से एक था. जिसे यह कहते हुए सुना जा रहा है कि वह अफगानिस्तान से लगभग तीन महीने के इंतजार के बाद उड़ान भर रहे हैं. उस व्यक्ति ने कहा कि 102 अफगान सिखों और हिंदुओं को नई दिल्ली लाया जा रहा है. इस समूह में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं जो अपने साथ काबुल के प्राचीन असामाई मंदिर से तीन गुरु ग्रंथ साहिब और हिंदू धार्मिक ग्रंथ लाएंगे. वहीं वापस आने पर यह चार्टर उड़ान करीब 90 अफगान नागरिकों को वापस ले जाएगी. उनमें से ज्यादातर इलाज के लिए भारत आए थे और अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे हुए थे. लोगों ने कहा कि विमान के जरिये चिकित्सा आपूर्ति भी ले जाने की उम्मीद है जो भारत द्वारा अफगानिस्तान को दी जाने वाली मानवीय सहायता का हिस्सा है.
काबुल-दिल्ली मार्ग पर भारत की ओर से अंतिम वाणिज्यिक उड़ान 15 अगस्त को एयर इंडिया द्वारा संचालित की गई थी, जिस दिन काबुल पर तालिबानी शासकों ने कब्जा किया था. अगस्त के दौरान भारतीय वायु सेना की विशेष उड़ानों में राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों सहित सैकड़ों भारतीय नागरिकों को निकाला गया था. जिसके बाद भारत ने काबुल में दूतावास से अपने राजदूत और अन्य सभी कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया था. 1996 के बाद दूसरी बार प्रभावी रूप से दूतावास को बंद कर दिया.
हालांकि, सुरक्षा चिंताओं के कारण सभी निकासी उड़ानों को रोक दिए जाने के बाद भी कई भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में थे, जो 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर विनाशकारी आत्मघाती हमले के बाद फंस गए थे. इस घटना में 180 से अधिक लोग मारे गए थे. भारत में फंसे अफगान नागरिकों को तेहरान के रास्ते काबुल ले जाने के लिए हाल ही में चार विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन खर्च के दृष्टिकोण से काफी अधिक काफी अधिक लागत होने के कारण इस व्यवस्था को बाद में निलंबित कर दिया गया. प्रत्येक यात्री ने यात्रा के लिए लगभग 850 डॉलर का भुगतान किया और जबकि अधिकांश अफगान नागरिक इस किराये को चुकाने में असमर्थ थे.