उत्तर प्रदेश के 1.57 लाख ग्रामीणों को आज मिलेगी घरौनी, सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे शुभारंभ
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 11 जिलों के 1001 गांवों के 1,57,244 ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक देने संबंधी ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपने की शुरुआत करेंगे। केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत सीएम योगी अपने सरकारी आवास पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में इनमें से कुछ ग्रामीणों को डिजिटल माध्यम से ग्रामीण आवासीय अभिलेख प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को स्वामित्व योजना का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करते हुए देश के जिन छह राज्यों के 763 गांवों के लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड (घरौनी) का वितरण किया था, उनमें सर्वाधिक 346 गांव उत्तर प्रदेश के थे। तब यूपी के 37 जिलों के इन गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले 41,431 लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी) मुहैया कराए गए थे।
इन जिलों के ग्रामीणों को मिलेगी घरौनी
- जिला : कुल राजस्व ग्राम : ग्रामीणों की संख्या
- आजमगढ़ : 46 : 3167
- कौशांबी : 35 : 8987
- चित्रकूट : 24 : 4414
- जालौन : 187 : 26275
- झांसी : 131 : 24565
- फतेहपुर : 48 : 7733
- बांदा : 36 : 9953
- महोबा : 139 : 25100
- ललितपुर : 183 : 13442
- वाराणसी : 33 : 1404
- हमीरपुर : 139 : 32204
बता दें कि स्वामित्व योजना के तहत गांव की आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दी जाने वाली घरौनी (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) में उसकी आवासीय संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। ऐसा इसलिए ताकि संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद की गुंजाइश न रहे। ग्रामीणों को घरौनी मुहैया कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए शासन ने उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया नियमावली 2020 को अधिसूचित कर दिया है।
ग्रामीणों को पहली बार मिलने जा रही घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना, ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा। संपत्ति का आबादी गाटा संख्या और भूखंड संख्या भी दर्ज होगा। प्रत्येक भूखंड का 13 अंकों का यूनिक आईडी नंबर भी इसमें अंकित किया जाएगा। संपत्ति के वर्गीकरण को भी इसमें दर्शाया जाएगा। जिससे पता चले कि संपत्ति किस श्रेणी या उप श्रेणी की है। आवासीय भूखंड का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) और उसकी सभी भुजाओं की संख्या और उनकी लंबाई भी खरौनी में दर्ज होगी। भूखंड की चौहद्दी का भी इसमें उल्लेख होगा।