14 जुलाई के आंदोलन को सफल बनाने के लिए भाकियू वर्मा के पदाधिकारियों ने किया जनसम्पर्क
सहारनपुर [24CN]। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को मिलाकर पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण की मांग को लेकर लगभग दो दशकों से आंदोलन का बिगुल बजाने वाले किसान नेता व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में भाकियू पदाधिकारियों ने आगामी 14 जुलाई को देवबंद होने वाले किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया है। भाकियू वर्मा के पदाधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से आगामी 14 जुलाई को भारी संख्या में देवबंद पहुंचने की अपील कर रहे हैं ताकि किसान आंदोलन को ऐतिहासिक बनाया जा सके।
गौरतलब है कि पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले पिछले दो दशकों से अलग प्रदेश बनाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे किसान नेता भगतसिंह वर्मा ने हाल ही में भाकियू वर्मा का गठन कर किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज दिलाने, गन्ने का लाभकारी मूल्य दिलाने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर आगामी 14 जुलाई को आंदोलन का बिगुल बजाने की घोषणा की थी जिसके चलते भाकियू वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगतसिंह वर्मा, राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र चौधरी गुर्जर, प्रदेश महासचिव आसिम मलिक, प्रदेश उपाध्यक्ष पं. नीरज कपिल के नेतृत्व में भाकियू वर्मा की टीम गांव दर गांव जाकर किसानों को जनसम्पर्क कर आगामी 14 जुलाई को देवबंद पहुंचने की अपील करने में जुटे हैं।
भाकियू वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगतसिंह वर्मा व प्रदेश महासचिव आसिम मलिक ने बताया कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की सत्ता में बैठी भाजपा सरकारें किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाना तो दूर उन्हें लागत मूल्य भी नहीं दिला पा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का दावा करने वाली भाजपा सत्ता में आते ही अपने वायदे को भूल गई तथा आज तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट आज तक लागू नहीं की गई। इसी तरह भाजपा सरकारें चीनी मिल मालिकों से किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य भुगतान पर देरी से मिलने वाले ब्याज को दिलाने में नाकाम रही हैं।
उन्होंने बताया कि शुगर कंट्रोल अधिनियम में प्राविधान है कि यदि चीनी मिलें 14 दिन के अंदर किसानों को उनके गन्ना मूल्य भुगतान नहीं करेगी तो बकाया पर ब्याज देय होगा। श्री वर्मा ने बताया कि भाकियू वर्मा किसानों के हितों के लिए लगातार संघर्ष कर रही है तथा किसानों की समस्याओं का समाधान होने तक संघर्ष जारी रखा जाएगा तथा किसानों का उत्पीडऩ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।