टीपू बर्बर सुल्तान था, ओवैसी से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, अमित मालवीय का बड़ा हमला

टीपू बर्बर सुल्तान था, ओवैसी से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, अमित मालवीय का बड़ा हमला

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के टीपू जयंती मनाने को लेकर तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अगर टीपू जीत जाते तो मैसूर पुड्डुचेरी की तरह फ्रांस का उपनिवेश बन जाता.

असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम पार्टी की ओर से कर्नाटक के हुबली के विवादित ईदगाह मैदान में टीपू जयंती मनाए जाने के एक दिन बाद, भारतीय जनता पार्टी के अमित मालवीय ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि टीपू सुल्तान कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे कि उनकी जयंती मनाई जानी चाहिए, लेकिन ओवैसी से और कुछ भी उम्मीद नहीं की जा सकती, जिनके पूर्वज रजाकार थे.

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “लेकिन ओवैसी से इससे बेहतर और क्या उम्मीद की जा सकती है, जिनके पूर्वज रजाकार थे, जिन्होंने हैदराबाद में हिंदुओं का नरसंहार किया और जातीय रूप से उनका सफाया किया!” रजाकार ब्रिटिश राज के तहत हैदराबाद में मुस्लिम राष्ट्रवादी संगठन मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) पार्टी के अर्धसैनिक बल हुआ करते थे.

सिद्धारमैया सरकार ने शुरू की थी जयंती

कर्नाटक में टीपू जयंती मनाने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तब की थी जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी. जयंती मनाने की तारीख 10 नवंबर तय की गई, हालांकि टीपू सुल्तान की जयंती 1 दिसंबर को पड़ती है. बाद में बीजेपी के राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद टीपू जयंती समारोह रद्द कर दिया गया. हालांकि, ईदगाह मैदान में एआईएमआईएम की ओर से टीपू जयंती मनाने के लिए स्थानीय नागरिक निकाय ने मंजूरी दे दी थी.

अब इस मुद्दे पर हवा देते हुए, अमित मालवीय ने शुक्रवार को कहा कि टीपू एक बर्बर सुल्तान था जिसकी विरासत एक धब्बे की तरह है. बीजेपी नेता ने कहा कि टीपू जयंती मनाना मुसलमानों सहित सभी भारतीयों की संवेदनाओं का सरासर अपमान है.

मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “टीपू एक बर्बर सुल्तान था, जिसने सैकड़ों की संख्या में कुर्ग में कोडवाओं, मैंगलोर में सीरियाई ईसाइयों, कैथोलिकों, कोंकणियों, मालाबार के नायरों, मांडयन आयंगरों को दिवाली के अवसर पर फांसी दे दी थी, इन लोगों के पूर्वजों पर इस कदर दुख पहुंचाया गया, जिसके कारण उनके वंशज आज तक यह त्योहार नहीं मनाते हैं. उसने असंख्य मंदिरों और चर्चों को तोड़ डाले. लोगों का जबरन धर्मपरिवर्तन कराया और इस्लाम में कनवर्ट कराया. उसकी तलवार काफिरों के खिलाफ जिहाद शुरू करने का शिलालेख की तरह था.”

तो फ्रांस का उपनिवेश होता मैसूरः मालवीय

बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा, “वह कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं था. वह फ्रेंच सेना की मदद ले रहा था, जो अंग्रेजों से कम औपनिवेशिक नहीं थे. अगर टीपू जीत जाता तो मैसूर पांडिचेरी की तरह एक फ्रेंच उपनिवेश बन जाता. उसने अफगानिस्तान से जमान शाह को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया और भारत पर आक्रमण करने तथा अंग्रेजों के खिलाफ फ्रांसीसी जीत सुनिश्चित करने के लिए नेपोलियन को पत्र लिखा. स्वतंत्रता सेनानी के ये लक्षण कैसे हैं?”

बेंगलुरु के गुड्डाधल्ली (Guddadhalli) में टीपू जयंती समारोह में कांग्रेस के कई नेताओं ने हिस्सा लिया. खबरों के मुताबिक चामराजपेट से कांग्रेस विधायक बीजेड जमीर अहमद खान ने तलवार लेकर मीडिया को संबोधित किया.