सहारनपुर: फर्जी दस्तावेजों पर रह रहे तीन बांग्लादेशियों को सजा, प्रतिबंधित संगठन से जुड़े थे नागरिक

सहारनपुर: फर्जी दस्तावेजों पर रह रहे तीन बांग्लादेशियों को सजा, प्रतिबंधित संगठन से जुड़े थे नागरिक

सहारनपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से देश में रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने सजा सुनाई है। उन्हें अलग-अलग धाराओं में पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। उन पर 19 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। जुर्माना न देने की स्थिति में प्रत्येक धाराओं में छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुुगतना होगा।

बता दें कि वर्ष 2017 में बिना वीजा और पासपोर्ट के अवैध रूप से देश में रहने के आरोप में कुछ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया था। ये बांग्लादेशी देवबंद जनपद सहारनपुर के एक मदरसे में रह रहे थे।

देश से फरार होने की कोशिश करते समय एक इनपुट के आधार पर एटीएस की टीम ने लखनऊ जंक्शन पर गिरफ्तार किया था। इन नागरिकों की पहचान मोहम्मद फिरदौस, इमरान और फरीदुद्दीन मूल निवासी पंथापाड़ा सुट्टी घाता, थाना कोतवाली जनपद जसौर, विभाग खुलना बांग्लादेश के रूप में हुई थी।

इसी प्रकरण में अदालत ने इन आरोपियों को आईपीसी की धारा 420 के तहत दो-दो वर्ष का साधारण कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना, आईपीसी की धारा 367 के तहत पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा-468 के तहत चार-चार वर्ष का सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने तथा धारा 120-बी के तहत तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास और दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही धारा-14 विदेशी अधिनियम के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास और दो-दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

प्रतिबंधित संगठन से जुड़े थे नागरिक
एटीएस और एलआईयू की टीमों की ओर से की गई छानबीन और इनपुट के आधार पर पता चला था कि इन नागरिकों का संबंध बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला से था। इस संगठन से जुड़ने की सूचना मिलने के बाद ही स्थानीय पुलिस से लेकर एटीएस तक की टीमें सक्रिय हुईं थीं।

अवैध प्रवासियों पर लगातार रही है नजर
पुलिस और एलआईयू से जुड़े सूत्रों के अनुसार पिछले कई साल से जिले का देवबंद क्षेत्र अवैध रूप से रह रहे नागरिकों के लिए मुफीद रहा है। इस क्षेत्र के मदरसों से लेकर किराए के मकानों तक में अवैध रूप से प्रवास कर रह रहे नागरिकों के मिलने की सूचनाएं आती रही हैं। इसलिए यहां हर समय एलआईयू टीमें सतर्क रहती हैं।

पिछले साल भी मिले थे कुछ संदिग्ध नागरिक
पिछले साल भी पुलिस और खुफिया विभाग की टीमों ने रफीकुल इस्लाम निवासी मुलादी जनपद बरीसाल बांग्लादेश, मोहम्मद अहमद निवासी दक्षिण पाली नारानपारा जनपद जयपुर हट प्रांत राजशाही बांग्लादेश, मोहम्मद मिनहाज निवासी बाइली थाना सरवीपुर जनपद टागई प्रांत ढाका बांग्लादेश, मनीर उज्जमान अमीन निवासी बोयलरपुर थाना सखीपुर जनपद टागई प्रांत ढाका बांग्लादेश तथा मोहम्मद इस्माइल निवासी दुलालपुर बखरी थाना सुनार गांव जनपद नारायण गेज ढाका बांग्लादेश को पकड़ा था। इनके बारे में भी यही पता चला था कि ये अवैध रूप से देवबंद में रह रहे हैं।

सीएए के बाद तेज हुई सत्यापन की प्रक्रिया
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे शोरशराबे के बीच भी पुलिस प्रशासन से लेकर खुफिया विभाग की टीमें बाहरी देशों से आने वाले नागरिकों को लेकर अधिक सतर्कता बरत रही हैं ताकि अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों का प्रवेश कम किया जा सके।

अवैैध नागरिकों पर पैनी नजर : एसएसपी
एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि जिले में प्रवेश करने वाले बाहरी लोगों और अवैध रूप से यहां रहने वाले विदेशी नागरिकों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके लिए संबंधित थानों की पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग की टीमें सक्रिय हैं।


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