‘बाबर का समर्थन करने वालों को बाबर ही समझेंगे’, हुमायूं कबीर को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की चेतावनी

‘बाबर का समर्थन करने वालों को बाबर ही समझेंगे’, हुमायूं कबीर को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की चेतावनी

हरिद्वार में शंकराचार्य स्वरूपानंद परंपरा के संत, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने TMC के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के ‘बाबरी मस्जिद’ बनाने के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने साफ कहा कि बाबर एक आक्रमणकारी था और उसके नाम पर मस्जिद का निर्माण किया गया तो प्रतिक्रिया उत्पन्न होगी.

स्वामी ने साफ शब्दों में कहा कि जो जो बाबर ने किया है उससे वह आहत हैं और अब आज के समय में जो खुद को बाबर से जोड़ेंगे, उन्हें उसी नजर से देखा जाएगा और वैसा ही व्यवहार होगा.

जो बाबर के साथ खड़ा है उसे बाबर ही समझेंगे- शंकराचार्य

शंकराचार्य ने कहा कि ऐतिहासिक आक्रमणों से जुड़े घाव अभी भी लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाते हैं. एएनआई के अनुसार, उन्होंने स्पष्ट किया कि बाबर ने भारत पर हमला किया और जो अत्याचार किए, वे आज भी पीड़ा देते हैं. उनका कहना था कि अगर वर्तमान समय में कोई व्यक्ति खुद को बाबर की विचारधारा या पहचान से जोड़ता है, तो उसे भी बाबर जैसा ही माना जाएगा. उन्होंने कहा कि “जो बाबर के साथ खड़ा होगा, हम उसे बाबर ही समझेंगे और आज की तिथि में बाबर के साथ जैसा व्यवहार होता, वैसा ही किया जाएगा.”

किसी भी धर्म की पूजा-पद्धति से उन्हें कोई आपत्ति नहीं- शंकराचार्य

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद निर्माण या किसी भी धर्म की पूजा-पद्धति से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि हर धर्म को अपनी आस्था के अनुसार उपासना का अधिकार है, और इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. समस्या केवल तब होती है जब धार्मिक संरचना को उस इतिहास से जोड़ा जाता है जिसने देश की स्मृतियों में दर्द छोड़ा है. उन्होंने कहा कि मस्जिद बनाना अलग बात है, लेकिन उसका नाम बाबर पर रखना पूरी तरह अलग और संवेदनशील मुद्दा है.

स्वामी की टिप्पणी सीधे तौर पर हुमायूं कबीर के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ बनाने की बात कही थी. इस बयान पर विवाद बढ़ते ही TMC ने कबीर को तत्काल निलंबित कर दिया था. स्वामी ने कहा कि भारत में सद्भाव, आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उकसाने वाले नामों और प्रतीकों से बचना आवश्यक है. उन्होंने दोहराया कि “अगर कोई खुद को बाबर से जोड़ता है, तो हम भी उसे उसी प्रकार से देखेंगे,” और माहौल बिगाड़ने वाले बयानों को तनाव का कारण बताया.


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