आजादी में योगदान न देने वाले मुस्लिमों को बताते हैं देशद्रोहीः मदनी
- दारुल उलूम में धूमधाम के साथ मनाया गया आजादी का जश्न
- दारुल उलूम के मोहतमिम और जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने किया ध्वजारोहण
देवबंद [24CN]: इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने ध्वजारोहण किया। इस दौरान इतिहास के पन्नों को पलटते हुए मौलाना अरशद मदनी ने दो टूक कहा कि जिन लोगों का मुल्क की आजादी में रत्ती भर भी योगदान नहीं वह मुसलमानों को देशद्रोही बताते हैं।
दारुल उलूम के विशाल मैदान में आयोजित जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम में उलमा ने ध्वजारोहण किया। जबकि छात्रों ने राष्ट्रगान गाकर तिरंगे को सलामी दी। इस अवसर पर जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों ने आजादी से लेकर आज तक अपनी जानों का नजराना पेश किया है और इस देश की सलामती के लिए भी आगे भी इसके लिए तैयार हैं। लेकिन जिनका आजादी में जरा भी योगदान नहीं वह उन्हें देशद्रोही बताते हैं।
मौलाना मदनी ने कहा कि असल में देशद्रोही वह लोग हैं जो मुल्क में नफरत का माहौल पैदा कर हिंदू-मुस्लिमों को बांटने का काम कर रहे हैं। मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, नायब मोहतमिम अब्दुल खालिद मद्रासी ने भी विचार रखे। इसमें मौलाना राशिद आजमी सहित उस्ताद और भारी संख्या में मदरसा छात्र मौजूद रहे।