अबकी बार नकुड मे भाजपा की राह आसान नंही , मुस्लिम मतदाताओ की पंहली पंसद बनी सपा
नकुड [इंद्रेश] । वर्तमान विधानसभा चुनाव मे नकुड सीट पर भाजपा के लिय राह आसान नंही है। योगी सरकार में राज्यमंत्री रहे डा0 धर्मसिंह के पाला बदलने के बाद इस विधानसभाक्षेत्र में भाजपा की मुश्किल बढ गयी है। मुस्लिम मतदाताओ के समाजवादी पार्टी के पक्ष में एकजुट होनके चलते बसपा को भी खासा नुकसान होने के कयास लगाये जा रहे है।
2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा छोडकर भाजपा में आये डा0 धर्मसिंह सैनी ने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को हराया था। इन चुनाव में डा0 धर्मसिंह सैनी को 94375 मत मिले थे । जबकि इमरान मसूद को कुल 90318 मत मिले थे जबकि बसपा के टिकट पर चुनाव लड रहे नवीन चैधरी को 65328 मत मिले थे। इससे पूर्व वर्ष 2012 में डा0 धर्मसिंह सैनी ने बसपा के टिकट पर कांग्रेस के टिकट पर इमरान मसूद को सिख्शत दी थी। तब डा0 धर्मसिंह सैनी को 89187 व इमरान मसूद को 84623 मत मिले थे। समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड रहे फिराज अफताब को मात्र 29503 मतो पर ही संतोष करना पडा था। जबकि भाजपा प्रत्याशी मेलाराम को मात्र 6634 मत मिले थे।
इस बार डा0 धर्मसिंह सैनी ने भाजपा को अलविदा कहकर सपा का दामन थाम लिया है। जबकि भाजपा ने मुकेश चैधरी को मैदान मे उतारा है। डा0 धर्मसिंह सैनी के सपा के टिकट पर ताल ठोकने के बाद नकुड विधानसभा का पास बदल गया है। इस विधानसभा क्षेत्र मे मुस्लिम मतदाता भाजपा को हराने के लिये एकजुट होता दिखायी दे रहा है। जिससे सपा को बडा लाभ मिल सकता है। बसपा ने हालांकि मुस्लिम प्रत्याशी साहिल खान को मैदान मे उतारकर चुनाव को तिकोना करने का प्रयास किया है परंतु भाजपा विरोध मे एकजुट दिखायी दे रहे मुस्लिम मतदाताओ मे वह सेंध लगा पायेगी इसकी संभावना कम ही है । हांलाकि बसपा प्रत्याशी यदि दलित मतदाताओ के साथ ही मुस्लिम मतदाताओ को जोडने मे कामयाब हो गये तो चुनाव के परिणाम उलट भी सकते है।
बसपा द्वारा साहिल खान को चुनाव मे उतारने के बाद नकुड विधान सभा क्षेत्र मे कडी प्रतिक्रिया हुई है। नकुड के नगरपालिकाध्यक्ष शाहनवाज खान ने बसपा को अलविदा कहकर सपा का दामन थाम लिया है। उधर बसपा से सरसावा के ब्लाक प्रमुख ताहिर हसन ने भी पाला बदल लिया है। उन्होने बसपा छोडकर सपा ज्वाईन कर ली। इससे पूर्व ताहिर हसन बसपा के नकुड विधानसभा से प्रत्याशी थे। परंतु ऐन मौके पर डा0 धर्मसिंह के पाला बदलने के बाद सपा मे आने के बाद सपा से अपनी दावेदारी ठोक रहे साहिल खान का सपा से टिकट कट गया। जिसके बाद साहिल खान ने सपा छोडकर बसपा का दामन थाम लिया । बसपा ने ताहिर हसन के स्थान पर साहिल को टिकट थमा दिया। शाहनवाज खान व ताहिर हसन के बसपा छोडकर सपा म े जाने का सीधा नुकसान बसपा को होगा । इसम शक नंही है। साथ ही सपा के पक्ष मे मुस्लिम मतो धु्रवीकरण को ओर मजबुती भी मिलेगी।
उधर भाजपा प्रत्याशी हिंदु मतो को एकजुट कर चुनाव वैतेरणी पार करने का प्रयास कर रहे है। यदि मुस्लिम मतो के धुव्रीकरण को देखते हुए हिंदु मत भी धुव्रीकरण की ओर बढ गये तो भाजपा चुनाव परिणामो को बदलने की कुव्वत रखती है। हांलाकि वर्तमान समीकरणो मे ऐसा होता दिखाई नंही दे रहा है। इतना जरूर है कि पिछडे व स्वर्ण मतदाताओ की पहली पंसद भाजपा ही बनी हुई है। पंरतु अधिकांश दलित मत बसपा के पाले मे खडे दिखाई दे रहे है।