अंबेहेटा पीर में इस बार नहीं होगा रामलीला का मंचन, प्रशासन ने रामलीला मंचन के लिये नंही दी प्रमीशन

अंबेहेटा पीर में इस बार नहीं होगा रामलीला का मंचन, प्रशासन ने रामलीला मंचन के लिये नंही दी प्रमीशन
  • फोटो रामलीला भवन पर लगा ताला

नकुड 17 सितंबर इंद्रेश। इस बार अबेंहेटा में प्रशासन ने रामलीला के मंचन के लिये अनुमति नंही दी। रामलीला मंचन की अनुमति ने मिलने से इस बार रामलीला का मंचन नंही होेगा। तेतिस वर्षो में यह पहला अवसर है जबकि नगर में रामलीला का मंचना नंही होगा। जिससे अंबेहेटा के अल्पसंख्क हिंदू आबादी मे रोष है।

अंबेहेटा पीर मे 17 सितबंर से रामलीला का मंचन किया जाना था। नगर की रामलीला कमेटी ने रामलीला मंचन की सारी तैयारिया भी कर ली थी। उसके लिये सांउड , लाईट टेंट , कुर्सी आदि की व्यवस्था कर ली गयी थी। रामलीला कमेटी के प्रधान विनोद कुमार मिततल ने बताया कि कमेटी ने रामलीला मंचन के लिये उपजिलाधिकारी से अनुमति मांगी थी। प्रत्येक वर्ष रामलीला मंचन के लिये प्रशासन से अनुमति ली जाती थी। ताकि रामलीला मंचन के दौरान सुरक्षा व कानून व्यवस्था मे कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि रामलीला मंचन के लिये 17 सितबंर की शाम तक भी परशासन ने रामलीला मंचन की अनुमति नंही दी।

जिसके चलते रामलीला कमेटी के पास मंचन रोकने के अलावा कोई विकल्प नंही था। उन्होंने कहा कि बुद्धवार को कई बार एसडीएम सुरेंद्र कुमार से बात करने का प्रयास किया गया पंरतु उन्होनें फोन रिसीव ही नहीं किया। जिसके कारण रामलीला मंचन रोकना पडा। उन्हेांने बताया कि पिछले तैतिस वर्षो में यह पहला अवसर है जबकि अंबेहेटा में रामलीला का मंचन नंही होगा। यह भी उस समय जबकि प्रदेश व देश मे भाजपा की सरकार है।

अंबेहेटा में हिंदू आबादी करीब 20 फिसदी है। हिंदु आबादी हर वर्ष प्रशासन के सहयोग से रामलीला का मंचन करता आया है। बताया जाता है कि इस वर्ष रामलीला मंचन के लिये नई समिति का गठन किया गया था। इसी विवाद में प्रशासन ने रामलीला मंचन की अनुमति नहंी दी है। जिससे अंबेहेटा की हिंदू आबादी मे गहरा रोष है।

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