यूपी के इस मौलाना ने कथावाचकों को दी नसीहत, बोले- ‘मुस्लिम समाज पर टिप्पणी से करें परहेज’

उत्तर प्रदेश स्थित बरेली में आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने हाल ही में कुछ कथा वाचकों के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि धार्मिक कथावाचक अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें मुस्लिम समाज और खासतौर से मुस्लिम महिलाओं के विषय में टिप्पणी करने से बचना चाहिए.
मौलाना रज़वी ने यह भी कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को अत्यधिक सम्मान प्रदान किया है. कुरान शरीफ में महिलाओं के अधिकारों पर पूरी सूरत मौजूद है और पैगम्बर-ए-इस्लाम ने कहा है कि “मां के पैरों तले जन्नत है.” उन्होंने यह भी बताया कि इस्लाम ने पुरुषों को यह शिक्षा दी है कि वे अपनी पत्नियों के साथ अच्छे व्यवहार और सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करें.
मौलाना ने कथा वाचकों को लिया आड़े हाथ
उन्होंने कथा वाचकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब उनके अपने समाज में अनेक सामाजिक बुराइयाँ मौजूद हैं, तो सुधार की दिशा में काम करने की बजाय वे मुस्लिम समाज और महिलाओं पर अनावश्यक टिप्पणियाँ करते हैं. यह न केवल अनुचित है बल्कि सामाजिक सौहार्द के भी खिलाफ है.
अपने धर्म तक सीमित रहें कथा वाचक- मौलाना
मौलाना रज़वी ने स्पष्ट कहा कि मुस्लिम समाज के अंदर सुधार और मार्गदर्शन के लिए उलेमा और धर्मगुरु लगातार प्रयासरत रहते हैं. ऐसे में बाहरी लोग मुस्लिम समाज के निजी मामलों में दखल न दें. उन्होंने दो टूक कहा – “कथा वाचक अपने धर्म तक सीमित रहें और मुस्लिम समाज के घरों में झाँकने की कोशिश न करें.”
इस प्रकार, उन्होंने धार्मिक सद्भाव और आपसी सम्मान की अपील करते हुए कहा कि हर समुदाय को अपने-अपने धार्मिक कार्यकलापों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि समाज में शांति और भाईचारा बना रहे.
