ये है मेरठ हिंसा का असली सच, नींद से जागी पुलिस, आरोपियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

ये है मेरठ हिंसा का असली सच, नींद से जागी पुलिस, आरोपियों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

मेरठ शहर में 20 दिसंबर को पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन ने उपद्रव कराया था। मंगलवार को पुलिस ने इस प्रतिबंधित संगठन के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे भड़काऊ पोस्टर और अन्य सामग्री बरामद की हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। पुलिस आरोपियों के साथियों की तलाश में दबिश दे रही है।

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने को लेकर पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने 20 दिसंबर से पहले शहर में भड़काऊ पोस्टर बंटवाने के साथ चस्पा कराए थे। संगठन की मीटिंग भी हुई थी। लखनऊ में पापुलर फ्रंट की करतूतों का खुलासा होने पर मेरठ पुलिस जागी। जिसके बाद पुलिस ने इस संगठन से जुड़े अमजद पुत्र असलम निवासी शकूरनगर और जावेद पुत्र सलीमुद्दीन निवासी खुशहालनगर लिसाड़ीगेट को गिरफ्तार कर लिया।

एसपी सिटी डॉ. एएन सिंह का कहना कि दोनों आरोपियों से पूछताछ चल रही है। आरोपियों ने बवाल से पहले कई जगहों पर भड़काऊ पर्चे बांटे थे। ताकि लोगों की भीड़ जमा हो। इस संगठन से जुड़े चार लोगों की जानकारी आरोपियों ने दी है। आरोपियों से पूछताछ कर उनके साथियों की तलाश में दबिश जारी हैं।
उधर, शामली जनपद की पुलिस ने भी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर खुलासा किया है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में शामली जिले में हिंसा फैलाने की साजिश राजस्थान के कोटा निवासी फैसल ने रची थी। पुलिस ने फैसल सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी फैसल और उसके तीनों साथियों ने खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का कार्यकर्ता बताया है।

पुलिस का दावा है कि फैसल ने कैराना के युवकों को साथ लेकर ईदगाह के मैदान पर भीड़ इकट्ठा कराई थी। आरोपियों के कब्जे से भड़काऊ पोस्टर और मोबाइल फोन आदि सामान बरामद किया है। धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है।


विडियों समाचार