प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर आनलाइन होगा ट्रांसफर व समायोजन, यहां देखें पूरी डिटेल

- बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की कार्यवाही ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण और नगर से नगर संवर्ग में ही होगी। किसी भी आवश्यकता वाले स्कूल से शिक्षकों का स्थानांतरण या समायोजन नहीं होगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय अध्यापकों का जिले के अंदर स्थानांतरण व समायोजन आनलाइन होगा। निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के मानक और 30 अप्रैल 2022 की छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों में सरप्लस शिक्षक चिन्हित होंगे, उन्हें कम शिक्षक वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। इनमें शिक्षक विहीन, एकल व ऐसे विद्यालय जहां दो से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन, आरटीई के अनुसार पद खाली हैं में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षक तैनात किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में निर्देश है कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की कार्यवाही ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण और नगर से नगर संवर्ग में ही होगी। किसी भी आवश्यकता वाले स्कूल से शिक्षकों का स्थानांतरण या समायोजन नहीं होगा।
अधिक अध्यापक वाले व शिक्षकों की जरूरत वाले विद्यालयों को चिन्हित करके वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और सबसे पहले सरप्लस शिक्षकों से 25 विद्यालयों का विकल्प लेकर तबादला किया जाएगा। जरूरत वाले ऐसे विद्यालय जहां के लिए एक ही आवेदन मिला है का स्थानांतरण होगा।
स्वेच्छा से एक से अधिक आवेदन मिलने पर शिक्षकों की वरिष्ठता व भारांक के आधार पर तबादले होंगे। भारांक समान होने पर नियुक्ति तारीख में वरिष्ठ और नियुक्ति समान होने पर आयु देखी जाएगी। स्थानांतरण, समायोजन में किसी भी तरह की अनियमितता मिलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी पूरी तरह से उत्तरदायी होंगे। ये तबादले करीब एक दशक बाद हो रहे हैं। 2015-16 में कुछ जिलों में तबादले हुए थे।
दो वर्ष से कम सेवा पर शिक्षकों का तबादला नहीं : निर्देश है कि ऐसे अध्यापक या अध्यापिका जिनकी सेवा अवधि आनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख को दो वर्ष से कम होगी तो उन्हें समायोजन प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा। आनलाइन पोर्टल पर ऐसे शिक्षक स्वेच्छा से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
दस दिन में खुलेगा आनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल : जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण के लिए 10 दिन में एनआइसी के माध्यम से पोर्टल खोला जाएगा। शिक्षकों की कार्यरत विकासखंड में रिक्ति न होने पर अन्य विकासखंड में भेजे जाएंगे। सरप्लस चिन्हित शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर अवरोही क्रम में रखा जाएगा ऐसे ही जिन विद्यालयों में शिक्षकों की जरूरत है उन्हें भी अवरोही क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा, तब उनका समायोजन होगा।
हर जिले में तबादलों के लिए समिति गठित : हर जिले में स्थानांतरण व समायोजन के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित होगी। जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष, बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। प्राचार्य जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान और वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) सदस्य होंगे।
इस तरह मिलेगा भारांक
- मानक – भारांक
- 1. सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए एक अंक और अधिकतम – 10
- 2. असाध्य या गंभीर रोग पीडि़त शिक्षक (पति-पत्नी, अविवाहित पुत्र-पुत्री) – 15
- 3. दिव्यांग शिक्षक (पति-पत्नी, अविवाहित पुत्र-पुत्री) – 10
- 4. शिक्षक जिनके पति या पत्नी सरकारी सेवा (केंद्र सरकार, भारतीय थल, वायु व नौसेना, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, प्रदेश सरकार, बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन) – 10
- 5. एकल अभिभावक (पुत्र व पुत्रियों का अकेले पालन करने वाले) – 10
- 6. महिला अध्यापिका – 05
- 7. राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक – 05
- 8. राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक – 03
ये है आरटीई एक्ट : आरटीई एक्ट 2009 के तहत प्राथमिक स्कूलों के लिए 150 व उच्च प्राथमिक के लिए 100 से कम छात्र संख्या पर प्रधानाध्यापक के पद का प्रविधान नहीं है। ऐसे ही 60 बच्चों वाले प्राथमिक विद्यालयों में दो, 61 से 90 में तीन, 91 से 120 में चार, 121-200 में पांच शिक्षक होने चाहिए। 150 से अधिक बच्चे होने पर पांच शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक होंगे। 200 से अधिक बच्चे होने पर एक प्रधानाध्यापक और 1:40 के अनुपात के अनुसार शिक्षक होने का नियम है।
छात्र संख्या का बदला मानक : परिषदीय विद्यालयों में 30 सितंबर की छात्र संख्या के आधार पर स्थानांतरण समायोजन होते रहे हैं, इस बार 30 अप्रैल की संख्या पर फेरबदल होगा। वजह पिछले दो वर्ष में कोरोना की वजह से प्राथमिक विद्यालय संचालित नहीं हो सके थे इसीलिए नामांकन नहीं हुआ।