‘छत्रपति शिवाजी की सेना में एक भी सिपाही नहीं था मुसलमान’, नितेश राणे का दावा, कहा- विधानसभा में पेश करूंगा सबूत

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे के एक बयान ने सबको हैरान कर दिया है। पुणे में अपने भाषण के दौरान नितेश ने यह कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में एक भी सिपाही मुसलमान नहीं था। इतिहास में लिखित तारीख के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म समारोह उनके जन्म स्थल जुन्नर के शिवनेरी किले में आज (सोमवार) मनाया गया। इसके उपलक्ष्य में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे भी यहां उपस्थित रहे। जहां नितेश के हाथों ही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का पूजन और अभिषेक भी किया गया।
सेक्युलर राजा बनाने का चल रहा प्लान
इस मौके पर उपस्थित शिव भक्तों को संबोधित करते हुए नितेश राणे ने कहा, ‘हिंदवी धर्म के संस्थापक यह हमारे राजा शिवाजी महाराज की पहचान है। सब को यह बात बार-बार से बतानी चाहिए कि हमारे राजा को सेक्युलर राजा बनाने का कुछ लोगों का प्लान चल रहा है। उसे हमें कामयाब नहीं होने देना है।’
शिवाजी के इतिहास को अच्छे से जानते हैं- राणे
इसके साथ ही राणे ने कहा, ‘मैंने कुछ दिन पहले इसे लेकर बयान भी दिया था, जो बंदूक की गोली जैसा है। एक बार गोली निकल गई तो फिर वापस नहीं आ सकती है। इतिहास सिर्फ उन चार-पांच लोगों को ही समझता है। हमें नहीं आता ऐसे नहीं है। हम भी बहुत कुछ समझ सकते हैं। हमें जो इतिहास की जानकारी बता रहे हैं। वह भी ज्ञानी हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को वह भी काफी अच्छी तरह से समझ सकते हैं।’
कई सारे सबूत हमारे पास मौजूद- राणे
नितेश राण ने कहा, ‘स्वराज स्थापना के दौरान अंग्रेजों ने भी हमारे राजा का नाम हिंदू सेनापति ऐसा ही बता कर उनका सम्मान किया था। आदिलशाह के निकाले हुए फरमान में उन्होंने अफजल खान को यह लिखा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्यकाल में मुसलमान और इस्लाम की तरक्की रुक गई है। इसलिए उस पर आक्रमण किया जाए, इन बातों के भी कई सारे सबूत हमारे पास मौजूद हैं।’
शिवाजी की सेना में एक भी मुसलमान सिपाही नहीं था- राणे
इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश ने यह भी बताया कि कई सारे सबूत हमारे पास होने के बाद भी कुछ लोग बेवजह चार-पांच मुसलमान के नाम को लेकर यह बता रहे हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना के अलग-अलग पद पर मुसलमान सिपाही कार्यरत थे, लेकिन हमारे राजा की सेना में हकीकत में एक भी मुसलमान सिपाही नहीं था। यह बात में आपको दावे के साथ बता रहा हूं। अगर मुझे मौका मिला तो मैं इसे सबूत के साथ विधानसभा में भी पेश करूंगा।’