दिल्ली के एक भी कोचिंग सेंटर के पास नहीं फायर NOC, सीढ़ियों की हालत ऐसी… बेमौत मारे जाएं बच्चे

दिल्ली के एक भी कोचिंग सेंटर के पास नहीं फायर NOC, सीढ़ियों की हालत ऐसी… बेमौत मारे जाएं बच्चे

नई दिल्ली। भविष्य बनाने के नाम पर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। संकरे रास्ते, जर्जर इमारत, हवा तक जहां प्रवेश नहीं कर सकती, उन इमारतों में हजारों कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में एक भी कोचिंग सेंटर ऐसा नहीं हैं जिसके पास फायर का एनओसी हो। इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है। दिल्ली अग्निशमन विभाग के नियम ऐसे है कि सर चकरा जाए।

दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि दिल्ली फायर सेफ्टी एक्ट में कोचिंग सेंटरों को बाहर रखा गया है। ऐसे में उन्हें एनओसी लेने-देने का सवाल ही नहीं। दूसरा यह कि यदि कोचिंग सेंटर 15 मीटर की ऊंचाई वाली इमारत में संचालित हो रहा है कि तो उस इमारत के मालिक को एनओसी लेने का प्रविधान नहीं है। ऐसे में दिल्ली में जितने भी कोचिंग सेंटर सचांलित हो रहे हैं, उन्हें एनओसी लेने की जरूरत नहीं हैं।

अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि मुखर्जी नगर में जिस इमारत में बृहस्पतिवार को आग लगी थी, उसकी जांच की जाएगी की उसकी ऊंचाई कितनी थी। अभी तक की जांच में सामने आया है कि उक्त इमारत के पास फायर एनओसी नहीं था। अधिकारी का यह भी कहना है कि दिल्ली फायर सेफ्टी एक्ट में मौजूद एजुकेशन प्लान में स्कूल, कालेज और डे-केयर सेंटर आते हैं। कोचिंग सेंटर को इस नियम से बाहर रखा गया है। या तो कोचिंग सेंटरों को भी एजुकेशन प्लान में शामिल किया जाए या इनकी नियमित जांच के लिए कोई अथारिटी बनाई जानी चाहिए।

संकरे और दमघोंटू है प्रवेश द्वार

कोचिंग सेंटर में प्रवेश करना बेहद ही दमघोटू है। अंदर कोचिंग सेंटर में भले ही एसी की व्यवस्था है, लेकिन सीढ़ियों से चढ़ना मुश्किल है। कोंचिंग सेंटर के अंदर ताजी हवा की कोई व्यवस्था नहीं है। सीढ़ियों की स्थिति ऐसी है कि यदि कोई हादसा हो जाए और भगदड़ मच जाए तो कई बच्चे बेमौत मारे जाएं।

बोर्ड से ढकी हैं खिड़कियां

कोचिंग सेंटर जहां चल रहे हैं उस इमारत का बाहरी हिस्सा पूरी तरह से प्रचार बोर्ड से ढका हुआ रहता है। सभी खिड़कियां प्रचार बोर्ड से छिप गई है। बृहस्पतिवार को मुखर्जी नगर की जिस इमारत में आग लगी थी उसका बाहरी हिस्सा प्रचार बोर्ड से पूरी तरह ढका हुआ था। दमकल कर्मियों को सीढ़ियों के सहारे खिड़की तक पहुंचने में काफी दिक्कितों को सामना करना पड़ा। प्रचार बोर्ड को हटाने में दमकल कर्मियों का परेशानी का सामना करना पड़ा।


विडियों समाचार