राहतः 23 राज्यों के 78 जिलों में पिछले 14 दिनों से कोरोना का कोई मामला नहीं

नई दिल्लीः कोरोना वायरस से निपटने से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पिछले 28 दिनों में 12 जिलों से कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इसके अलावा 23 राज्यों के 78 जिलों में पिछले 14 दिनों में कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं पाया गया है।
लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 1409 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं,जिससे इन मामलों की संख्या बढ़कर 21,393 तक हो गई हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 681 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 380 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। इसी के साथ ही ठीक होने वालों की संख्या 4257 हो गई है। आईसीएमआर ने कहा कि हमारे सामने कोरोना एक बहुत बड़ी चुनौती है। हमारा मूलमंत्र यह है कि जिंदगी कैसे बचाएं? हम लगातार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
अधिकार प्राप्त समूह -2 के अध्यक्ष और पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने बताया कि हम कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन में कटौती, फैलाव को कम करने और डबलिंग की दर को बढ़ाने में सक्षम हुए हैं। हमने भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए इस समय का उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को हमने देश भर में 14,915 टेस्ट किए हैं और 22 अप्रैल को हमने 5 लाख से ज्यादा टेस्ट किए हैं। यदि इसकी गणना की जाए तो यह 30 दिनों में करीब 33 गुना होता है। यह पर्याप्त नहीं है और हमें लगातार इस मामले में आगे बढ़ना है और देश में टेस्टिंग को बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि अभी हमारे पास 3,773 ऐसे अस्पताल हैं जिन्हें COVID19 के लिए चिन्हित किया गया है। कुल आइसोलेशन बैड 1,94,000 हैं। हमारी कोशिश यह है कि इसको हर दिन बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि हम लगभग उसी जगह पर आज हैं जहां हम एक महीने पहले थे, इसका मतलब साफ है कि स्थिति अभी बहुत बिगड़ी नहीं है। एक महीने पहले जो लोग टेस्ट हो रहे थे उनका लगभग 4-4.5 प्रतिशत पॉजिटिव आ रहे थे और अभी भी लगभग यही स्थिति बनी हुई है।
ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि यह बताना बेहद मुश्किल है कि कोरोना वायरस का पीक 3 मई तक आएगा या कब आएगा, लेकिन यह काफी स्थिर है। पूरी दुनिया में पॉजिटिव होने की दर 4.5% है, हम कह सकते हैं कि हम कोरोना वायरस के ग्राफ को वक्र से समतल करने में हम सक्षम हुए हैं। हालांकि, इसके पीक पर जाने की भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है।