संसद का शीतकालीन सत्र आज, SIR को लेकर विपक्ष की ओर से हंगामे के आसार
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। ऐसे में संसद के अंदर विपक्ष की ओर से गतिरोध के भी आसार दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि एसआईआर को लेकर विपक्ष हंगामा भी कर सकता है। हालांकि शीताकालीन सत्र से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक में सभी दलों के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के शांतिपूर्ण तरीके से संचालन का आश्वासन दिया है।
सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा
इस सर्वदलीय बैठक में 36 राजनीतिक दलों के 50 नेता शामिल हुए। बैठक में सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, कोडिकुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, समावादी पार्टी के राम गोपाल यादव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। सर्वदलीय बैठक के बाद रविवार शाम लोकसभा और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठकें हुईं, जिनमें विपक्ष ने चुनाव सुधारों के व्यापक मुद्दे पर चर्चा की मांग रखी। सरकार ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस पर अपनी राय बताएगी।
कार्यवाही के दौरान हंगामे के आसार
सरकार ने कहा कि संसद की कार्यवाही अच्छी तरह चलनी चाहिए और वह गतिरोध की स्थिति को टालने के लिए विपक्षी दलों के साथ बातचीत जारी रखेगी। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने चुटीले अंदाज में यह भी कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ‘‘ठंडे दिमाग से’’ काम करना चाहिए। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एसआईआर के साथ ही दिल्ली विस्फोट की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। इसके साथ ही, उन्होंने वायु प्रदूषण, विदेश नीति, किसानों की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी और कुछ अन्य विषयों पर सत्र के दौरान चर्चा कराने का आग्रह किया।
