दुनिया एक माया जाल है जिसमें जितना फसते जाएगें उतना ही मन भटकेंगा: दीदी रक्षा सरस्वती

- कथा के दौरान कृष्ण बने शिशु को गोद में लेकर कथा वाचन करती दीदी रक्षा सरस्वती
देवबंद [24CN]: श्री गीता भवन में चल रहे 36वें नर-सेवा नारायण सेवा के पांचवे दिन कथा वाचक दीदी रक्षा सरस्वती ने श्रद्धालूओं को बताया कि दुनिया एक माया जाल है जिसमें जितना फसते जाएगें उतना ही हमारा मन भटकेंगा।
श्रद्धालूओं को कथा अमृत का पान कराते हुए दीदी रक्षा सरस्वती ने कहा कि प्रभु ने ये मायारूपी खिलौना इंसान को खेलने के लिए दिया है जब तक ये खिलौना मानव के पास है इससे खेल कर खुश होगा। इसके दूर होते ही मानव परेशान हो जायेगा और रोने लगेगा। कहा कि इस माया जाल से जितना दुर रहेगे उतना ही मन प्रसन्न रहेगा। गोविंद का नामकराण संस्कार गर्गाचार्य ऋषि जी ने किया रोहिणी के पुत्र का नाम विशाल बल होने के कारण बलराम और यशोदा के पुत्र का नाम कृष्ण रखा। कान्हा कि बाल लीलाओं का वर्णन करते हुऐ बताया कि कान्हा ने पूतना वध, अष्टासुर, वक्रासुर, संकटासुर आदि राक्षसों का वध किया। इतना ही नही इन्द्र का घमंड चूर करते हुए ब्रजवासियों ने गिरिराज जी का पूजन किया और उन्हे 56 भाग लगाया गया। कथा के यजमान श्रीमति एंव श्री अनिल मित्तल रहे तथा प्रसाद वितरण सतीश सिंघल द्वारा किया गया। कथा में मीरा देवी, बिमला देवी, सरोज शर्मा, सयोंगिता, साधना, योगेन्द्र गोयल, आदेश गर्ग, डा0 आर्यव्रती, रितेश बंसल, सुधीर, पंकज, अजय बंसल, डा0 कान्ता त्यागी आदि श्रद्धालूगण उपस्थित रहे।