उत्तराखंड: युद्धस्तर पर बंद सड़के खोलने का कार्य जारी, फोन बंद नहीं करेंगे अधिकारी
नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार देर सांय तक मुख्यमंत्री आवास में सभी जिलाधिकारियों एवं आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा राहत कार्यों आदि की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा राहत कार्यों में तेजी लायी जाय, बन्द सड़कों को खोलने के लिये आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधन की व्यवस्था कर युद्धस्तर पर दिन रात कार्य किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिये कि गोला नदी के पुल की मरम्मत का कार्य 10 दिन में पूरा कर दिया जाय, इसके लिये जो भी आवश्यक व्यवस्थाये की जानी हो वह की जाए। उन्होंने कहा कि कार्यों में तेजी लाये जाने के लिये जन सुविधाओं के साथ व्यवहारिकता पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने सड़कों की मरम्मत के साथ बिजली पानी एवं खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही ओवर रेटिंग पर प्रभावी नियन्त्रण पर ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये है कि अधिकारी अपने फोन किसी भी दशा में बन्द नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं निर्माण कार्यों में लापरवाही पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिकायतों एवं अफवाहों का उत्तर बेहतर कार्य प्रणाली में दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त भवनों, पुस्तों एवं खेतो को हुए नुकसान का अलग से आकलन कर शीघ्र विवरण शासन को उपलब्ध कराया जाए ताकि आपदा मानकों में इसके लिये अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था के प्रयास किये जा सकें।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि कोविड-19 वेक्सिनेशन की शत प्रतिशत दूसरी डोज सभी को शीघ्रता से लग जाय, इसके लिये व्यापक अभियान संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि कोविड अभी गया नहीं है अभी इससे सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिये भी साफ सफाई पेयजल की स्वच्छता, दवा छिड़काव फागिंग की प्रभावी व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें सभी नगर निकायों एवं नगर पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जाए। इस दिशा में सभी प्रचार माध्यमों का उपयोग करने के साथ ही ग्राम प्रधानों के मोबाइल पर मैसेज की व्यवस्था बनायी जाय।
सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई आदि की व्यवस्था के लिये टीमों का गठन कर नोडल अधिकारी नामित किये जाएं।