भारत सरकार द्वारा तीन कृषि कानून वापिस लिये जाने को किसानों की जीत बताया

  • आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मिले मुआवजा

देवबंद [24CN]। देश के प्रधानमंत्री द्वारा शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापिस लिये जाने की घोषणा को किसानों की जीत बताया तथा मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिये जाने की मंांग की।

पूर्व एम एल सी प्रत्याशी सपा नेता शमशाद मलिक ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि किसान जिनको खुद प्रधानमंत्री ने आन्दोलन जीवी कहा था वो सही थे  या गलत, यदि सही थे तो लगभग 700 किसानों की मौत पर सरकार क्या करेगी और यदि गलत थे तो सरकार ने बिल वापस लेने की घोषणा क्यों कर दी। आज लगभग 700 किसानों की आत्माएं स्वर्ग में खुश होंगी कि वो जिस लड़ाई में बलिदान हुए थे वो लडाई उनके सहयोगी किसानों ने जारी जारी रखते हुए आखिर जीत ली। मगर जो अपने घरों से कहकर आए थे कि कृषि कानून वापस कराकर ही वापस आएगें वर्ना वहीं मर जाएगें और लगभग 700 के करीब किसान शहीद हो गये उनके घरों को कौन रोशन करेगा और कौन खुशियां मनायेगा। किसानों को गाडियों से रौंदकर मारा गया। किसानों को आतंकी कहा गया। देश के गद्दार कहा गया।

देश के अन्नदाता ने हिटलर सरकार को झुकाने का काम किया: भगत सिंह

भगत सिंह

देवबंद: पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को वापस लेना देश के अन्नदाता किसानों व गरीब आदमी की बड़ी जीत बताया । उन्होने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां दिल्ली में बैठे हुए नेताओं को खेती और किसान को समझना पड़ेगा। प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून वापसी लेना देश व किसान हित में है।

सरकार ने अब तक दिखाई पुरी तानाशाही: मोनू पंवार

देवबंद: भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश सचिव किसान नेता मोनू पवार ने कहा प्रधानमंत्री द्वारा किसान आंदोलन से हुए भाजपा सरकार के नुकसान को मध्य नजर रखते हुए आज कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मौखिक बयान दिया यह देश के अन्नदाता की जीत है लेकिन आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की व संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती।
सरकार ने अबतक पुरी तानाशाही दिखाई तीनों कृषि बिल रद्द कराने के लिए पूरे देश में चल रहे किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत के बाद, गाड़ियों से किसानों की हत्या करने के बाद, किसानों के दिल्ली जाने में गोलियां चलाने के बाद, किसान पंजाब से दिल्ली ना आए राष्ट्रीय राजमार्ग खोदने के बाद, आंदोलन स्थल पर पानी बिजली आपूर्ति को बंद करने के बाद बंगाल में खेला होने के बाद, उपचुनाव में सफाया होने के बाद, आज 1 साल बाद भी तीनों कृषि कनूनो की मौखिक रूप से रद्द करने की घोषणा करने के बाद भी किसानों को असली मुद्दों के साथ धोखा दे रहे हैं

एमएसपी की गारंटी पर कानून बनाये सरकार: वसीम राणा

वसीम राणा

देवबंद:  भारतीय किसान युनियन आई टी सेल के प्रमुख वसीम राणा ने कहा कि संसद में तीनो कानून लिखित में सरकार वापस ले, एमएसपी की गारंटी पर कानून बनाये और किसानो के खिलाफ दर्ज हुए सब मुकदमे वापस ले। वसीम राणा ने कहा कि इस आन्दोलन में किसानो को जो नुकसान हुआ है सरकार को उसकी भी भरपाई करनी चाहिए।