विद्यालय मे स्थित शिव मंदिर में तोडफोड का मामला गर्माया, ग्रामीणो ने कोतवाली मे पहुचकर पुलिस के दावे पर सवाल खडे किये

विद्यालय मे स्थित शिव मंदिर में तोडफोड का मामला गर्माया, ग्रामीणो ने कोतवाली मे पहुचकर पुलिस के दावे पर सवाल खडे किये
फोटो कोतवाली मे पुलिस से उझते ग्रामीण

नकुड 3 अक्टुबर इंद्रेश। छापर व कुराली गांवो की सीमा पर शिव लक्ष्मी जूनियर हाई स्कूल में स्थित शिव मंदिर की तोड फोड का मामला शांत नंही हो रहा है। पुलिस के कथित खुलासे के बावजूद ग्रामीणों ने कोतवाली में पंहुचकर पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताया। आरोप लगाया कि पुलिस अपराधियों को बचा रही हैं। ग्रामीणो ने पुलिस को अपरोधियों को गिरफतार करने के लिये बारह घंटे का अल्टीमेटम दिया है।

बुद्धवार की शाम को इस स्कूल में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड फोड करने के बाद दोनों गांवो मे तनाव व्याप्त हो गया था। पुलिस ने ग्रामीणों को शांत करने के लिये गुरूवार शाम को अटकलों के आधार पर घाटमपुर से कक्षा आठ के देा छात्रों को उठाकर उन्हें मंदिर मे तोडफोड करने का आरोपी बताकर मामले का पटाक्षेप करने का दावा किया। पंरतु शुक्रवार को सैंकडो ग्रामीणो ने कोतवाली पुहचकर पुलिस के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया ।

शुक्रवार को सुबह कोतवाली मे पहुचे प्रमोद कुमार, सुशील छाप्पर, संजय कुमार , विश्वहिंदुपरिषद व बजरंगदल के नेताओ व ग्रामीणों ने कहा कि क्या दो नाबालिग मंदिर मे तोडफोड करने का साहस कर सकते है ? उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस असली गुनाहगारो तक नंही पहुची है। उन्होंने कहा कि गुनाहगार अभी भी खुले घूम रहे है। परंतु उनतक पुलिस नंही पहुची। काफी देर तक ग्रामीणो व पुलिस की बातचित के बाद ग्रामीणो से साफ किया तकि बारह घंटे मे दोषी गिरफतार नंही हुए तो अंादेालन होगा।

जिसके बाद पुलिस ने घाटमपुर मे छापेमारी की। पंरतु समवार लिखे जाने तक पुलिस कोई अन्य गिरफतारी नंही कर पायी थी।

घाटमपुर के ग्रामीणो ंने छाप्पुर व कुराली के ग्रामीणों से मिलकर मामले मे समझोते का प्रयास किया

उधर बताया जाता है कि शुक्रवार को घाटमपुर के कुछ व्यक्तियों ने छाप्पर गांव में वंहा के ग्रामीणों से मिलकर समझोते का प्रयास किया । पंरतु कुराली व छाप्पर गंाव के लोग इतने गुस्से मे थे कि उन्होंने मंदिर मे तोड फोड के मामले पर कोई समझोता करने से साफ इकार कर दिया। उनका कहना था कि यदि किसी अन्य समुदाय के धर्मस्थल पर ऐसी घटना होती तो क्या समझोता होता। जिससे पंचायत विफल हो गयी। ग्रामीणों के कडे रूख के चलते अभी मामले पर माहौल शांत होता दिखायी नंही दे रहा है।