‘2024 में सरकार के साथ नए संसद भवन का इस्तेमाल भी बदलेगा’, जयराम रमेश बोले- इससे बेहतर तो पुराना वाला था

जयराम रमेश ने कहा कि नया संसद भवन कितने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया और यह पीएम के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि चार दिनों में ही मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर बातचीत खत्म हो गई है। जयराम ने कहा कि 2024 के बाद इसका बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा।
नई दिल्ली। लोकसभा में रमेश बिधूड़ी के दानिश अली पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने आज बिधूड़ी के बयान के साथ नए संसद भवन को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।
नए संसद के उद्घाटन से लेकर इसमें कार्यवाही शुरू होने तक कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पहले भी भाजपा पर हमलावर रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज नए संसद भवन को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कुछ ऐसा कहा जिससे नए कयास लगने लगे हैं।
नए संसद को कहा जाए मोदी मल्टीप्लेक्स
जयराम रमेश ने एक्स पर किए एक पोस्ट में पुराने संसद को नए संसद से बेहतर बताया है। जयराम ने कहा कि नया संसद भवन कितने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया और यह पीएम के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है। जयराम ने कहा कि इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए।
2024 में नए संसद भवन का बेहतर उपयोग होगा…
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि चार दिनों में ही मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर बातचीत खत्म हो गई है। यदि वास्तुकला लोकतंत्र को मार सकती है, तो संविधान को दोबारा लिखे बिना ही प्रधानमंत्री पहले ही सफल हो चुके हैं।जयराम ने कहा कि शायद 2024 में सरकार बदलने के बाद नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
नए संसद में दूरबीन की आवश्यकता
जयराम ने कहा कि नए संसद में एक सदन से दूसरे को देखने के लिए भी दूरबीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि हॉल कॉम्पैक्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुराना संसद भवन न केवल दिखने में बेहतर था बल्कि यह बातचीत की सुविधा भी प्रदान करता था।
पुराना संसद भवन था बेहतर
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि पहले दोनों सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच चलना आसान था और इससे संसद का संचालन भी अच्छे से होता था। उन्होंने कहा नई संसद में दोनों सदनों के बीच त्वरित समन्वय अब मुश्किल काम हो गया है। जयराम ने आगे कहा –
पुरानी इमारत में, यदि आप खो जाते तो आपको अपना रास्ता फिर से मिल जाएगा, क्योंकि यह गोलाकार था, लेकिन नई इमारत में यदि आप रास्ता भूल जाते हैं, तो आप भूलभुलैया में खो जाते हैं। पुरानी इमारत आपको जगह और खुलेपन का एहसास देती है।
जयराम बोले- कर्मचारियों को भी नहीं भाया भवन
जयराम ने यह भी कहा कि उन्होंने सचिवालय के कर्मचारियों से यह भी सुना है कि नए भवन के डिजाइन में कमी के चलते उनकी कार्यसुविधा को भी ध्यान में नहीं रखा गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा तब होता है जब भवन का उपयोग करने वाले लोगों के साथ कोई परामर्श नहीं किया जाता है।