केंद्रीय कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन समेत इन विधेयकों को दी मंजूरी, अब संसद में किए जाएंगे पेश

केंद्रीय कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन समेत इन विधेयकों को दी मंजूरी, अब संसद में किए जाएंगे पेश

नई दिल्‍ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill, 2019) को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल ( Personal Data Protection Bill, 2019) पर भी मुहर लगाई। सरकार विशेष परिस्थितियों में अहम और संवेदनशील डाटा तक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच का विकल्प प्रदान करने वाले और कंपनियों पर देश में ही डाटा रखने का प्राविधान तय करने वाले इस बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश करेगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।

संस्कृत को आगे बढ़ाने की तैयारी 

इसी के साथ सरकार ने संस्कृत को आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली है। देश में संस्कृत के सबसे पुराने तीन संस्थानों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने से संबंध‍ित विधेयकों को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इनमें राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान दिल्ली, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ दिल्ली और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति शामिल हैं। फिलहाल इन तीनों ही संस्थानों को मौजूदा समय में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल है।

भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को भी मंजूरी 

यही नहीं कैबिनेट ने भारत बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Bharat Bond Exchange Traded Fund) को भी मंजूरी प्रदान की है। साथ ही मंत्रिमंडल ने फाइव स्टार होटल बनाने के लिए प्रगति मैदान (दिल्ली) में लैंड मोनिटाइजेशन को मंजूरी दी है। इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (India Trade Promotion Organisation, ITPO) प्रगति मैदान (Pragati Maidan) को एक विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर में विकसित करने की परियोजना शुरू करेगा।

इसी सत्र में पेश किए जाएंगे विधेयक

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक 2019 को वापस लेने को मंजूरी दी है। उक्‍त सभी विधेयकों को संसद के मौजूदा सत्र में पेश किया जा सकता है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार की सुबह नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 के मसले पर मिजोरम के मुख्यमंत्री समेत पूर्वोत्तर राज्यों के कई राजनेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद असम के वित्‍त मंत्री (Assam Finance Minister) हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि विधेयक पर भ्रम की स्थितियों को दूर कर दिया गया है।

शाह ने की मैराथन बैठकें 

केंद्रीय गृह मंत्री शाह पिछले कुछ दिनों से विभिन्न हितधारकों के साथ विधेयक के मसले पर बैठक कर रहे थे जो कि 100 घंटे से अधिक चली। शाह ने विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के बारे में हितधारकों के साथ चर्चा की और इसके विभिन्न पहलुओं गर भ्रम दूर करने की कोशिश की। संसद से इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान के गैर मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता हासिल कर सकेंगे।

सांसदों को सदन में मौजूद रहने के निर्देश

उल्‍लेखनीय है कि भाजपा नेतृत्व ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को अनुच्छेद 370 हटाने जितना ही महत्वपूर्ण बताया है। यही कारण है कि इस बिल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में पेश किए जाने के दौरान सभी पार्टी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस विधेयक पर कैबिनेट बुधवार को अपनी मंजूरी दे सकती है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इस विधेयक का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि संसद में कई अवसरों पर पार्टी सांसदों की गैरमौजूदगी खटकती है। राजनाथ सिंह ने उन आरोपों को खारिज किया जिनमें आरोप लगाया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल ‘पंथ निरपेक्षता’ के खिलाफ है। इस विधेयक से गैर मुसलमान ही लाभान्वित होंगे। उन्होंने विधेयक को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के तीन पड़ोसी इस्लामिक देश हैं, जहां गैर मुसलमान धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं बहुसंख्यक मुसलमान नहीं।

 


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