भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात शब्दमय स्वरुप है श्रीमद्भागवत ग्रंथ: प्रपन्नाचार्य

भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात शब्दमय स्वरुप है श्रीमद्भागवत ग्रंथ: प्रपन्नाचार्य
  • सहारनपुर के बेहट में ज्ञान की अमृत वर्षा करते पं. संजय प्रपन्नाचार्य।

बेहट। कथावाचक पंडित संजय प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि वेदों का सरल भाष्य हैं अ_ारह पुराण। वेद व्यास जी ने वेद के गूढ ज्ञान की सरल भाषा में व्याख्या पुराणों में कथाओं के रुप में की है और अ_ारह पुराणों का सार है।

क्षेत्र के गांव दयालपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को प्रवचन करते हुए पंडित संजय प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत ग्रंथ और भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात शब्द मय स्वरुप है। कलियुग में सप्ताह के विधान से सुनने मात्र से मनुष्य को जीवन का वास्तविक बोध हो जाता है कि मानव जीवन क्यों मिला, किसलिए मिला, कैसे मिला।  जब यह ज्ञान हो जाता है फिर मनुष्य के जीवन की समस्त क्रिया लोक कल्याण के लिए हो जाती है। इसी ज्ञान के पश्चात मनुष्य मानव से महामानव बन जाता है, अमर होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। कथावाचक प्रपन्नाचार्य जी ने महाभारत प्रसंग शुकदेव जन्म, स्वर्ग और मोक्ष में अंतर आदि प्रसंगों का वर्णन किया। प्रातरूकाल पं अर्पित वत्स, शाश्वत कौशिक ने विधिवत देव पूजन और पितृ तर्पण संपन्न कराया।

इस मौके पर मुख्य यजमान संजय सैनी, डाक्टर ओमचंद सैनी, सुशील भगत, अंकित भगत, अनुराग, विकास, अक्षय सैनी, बृजपाल राणा, मनीस सैनी बूबका, रमेश सैनी मुर्तजापुर, रामकुमार सैनी, राजकुमार, महेंद्र सैनी आदि सहित महिला व पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।