नाबालिगों के बीच सहमति से संबंध पर पाक्सो एक्ट के क्रियान्वयन की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट

नाबालिगों के बीच सहमति से संबंध पर पाक्सो एक्ट के क्रियान्वयन की पड़ताल करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट इस अहम सवाल की पड़ताल करने के लिए तैयार हो गया है कि आपसी सहमति से संबंधों में शामिल नाबालिगों पर यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है अथवा नहीं।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया, जिसके खिलाफ 2015 में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया था। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा।

याचिका में कहा गया है कि सहमति से संबंध के लिए किशोरों को दंडित करना पाक्सो एक्ट का मकसद नहीं है। यह मामला 2015 में दर्ज आपराधिक शिकायत से संबंधित है जिसे 17 वर्षीय लड़की ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज कराया था जो उस वक्त 18 वर्ष का था। लड़की ने शिकायत में दुष्कर्म, धोखेबाजी और अन्य आरोप लगाए थे। शिकायत के मुताबिक कथित अपराध 2014 में हुआ था जब दोनों नाबालिग थे।

 

Jamia Tibbia