नई दिल्ली । देश में कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्वत: संज्ञान लिया है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली अदालत की तीन-न्यायाधीश पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सीजेआई शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि देश भर में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मर रहे हैं। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कृपया मामले से हटने की अनुमति दें। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई वर्चुअल मीडिया प्लेटफॉर्म इस मामले में हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं।  इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने हरीश साल्वे को मामले से हटने की अनुमति दी।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि लॉर्डशिप को अंतरराज्यीय आवागमन पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ऑक्सीजन की गंभीर कमी है। CJI ने कहा कि इस मामले को मंगलवार 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

देश में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति और मरीजों को आक्सीजन व दवाइयों के लिए हो रही परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले पर स्वत: संज्ञान लिया। शीर्ष कोर्ट आक्सीजन और जरूरी दवाओं की आपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार से राष्ट्रीय योजना चाहता है। कोर्ट ने आक्सीजन, जरूरी दवाएं, कोरोना टीकाकरण के तौर-तरीके और लाकडाउन लागू करने के अधिकार पर विचार का मन बनाते हुए केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। देश में कोरोना की स्थिति को नेशनल इमरजेंसी जैसी स्थिति बताते हुए कोर्ट ने वेदांता की तमिलनाडु का आक्सीजन प्लांट चालू करने की इजाजत मांगने वाली अर्जी पर भी सुनवाई को मंजूरी दे दी।