पांच करोड रूपये की लागत से अघ्याना मे बना स्टेडियम आया विवादो के घेरे मे

पांच करोड रूपये की लागत से अघ्याना मे बना स्टेडियम आया विवादो के घेरे मे
दौडने के लिये बनाये गये टरेक के बीच मे खडा बिजली का पोल

नकुड 16 दिसबंर इंद्रेश। अघ्याना मे चार करोड अटठानवे लाख की लागत से बना मिनी स्टेडियम विवादों के घेरे मे आ गया है। ग्रामीणो ने इस मिनि स्टेडियम के निर्माण मे वित्तिय धांधली होने के आरोप लगाये है। युवा कल्याण विभाग ने स्टेडियम का उदघाटन तक नही कराया। विभाग व स्टेडियम के ग्रांउड को समतल भी नही कराया। कल्याण विभाग ने सीधे खेल प्रतियोगिता आयोजित कर मामले को रफादफा करने का नाकाम प्रयास किया है।

अघ्याना गांव में 42 बीघा जमीन पर 4 करोड 98 लाख रूपये की लागत से मिनि स्टेडियम बनाया गया है। क्षेत्रवासियों के कान तब खडे हो गये जब आधे अधूरे स्टेडियम मे ही युवा कल्याण विभाग ने खेल प्रतियोगिता का अयोजन करने के दावे किये। इस स्टेडियम के नाम पर कार्यदायी संस्था ने तीन कमरे, टायलेट खिलाडियो के लिये डरेस चेंज करने के लिये एक चंजिगं रूम बनाया है। जिसमे दरवाजा तक नंही लगाया है। इसके अलावा एक हाल बनाया है। हाल को टिन शेड से ढका गया है। हाल के फर्श पर अभी से दरारे दिखायी देने लगी है। जो उसके गुणवत्ता की पोल खोल रही हैं । स्टेडियम के एंटरेंस मे बैनर पर लिखा है आप सीसीटीवी की नजर मे है पंरतु पूरे स्टेडियम मे एक भी कैमरा तक नंही है।

स्टेडियम के एक चैथायी हिस्से मे खडे झाड

मिनि स्टेडियम का एक चैथायी हिस्सो झाड झंकाड से ढका हुआ है। जिसमे दिन मे भी कोई घुसने की हिम्मत नंही जुटा सकता। इस जंगलनूमा हिस्से मे संाप, बिच्छु, जगंली जानवर खिलाडियो के लिये खतरे का कारण बन सकते है। फिर खिलाडी इस स्टेडियम मे कैसे खेलेंगे। यह तो युवा कल्याण विभाग के अधिकारी ही बता सकते है। कार्यदायी संस्था ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर बडे हिस्से मे बांउडरी वाल ही नंही बनायी। जो बाउंडरी वाल बनायी गयी है उसकी नीव गायब है। उसके नीचे से मिटटी निकल रही है। कवर्ड ऐरिये की ओर ही दक्षिण की ओर एक बडा हिस्सा उबड खाबड पडा है। ग्राउंड की लेवलिगं तक नंही करायी गयी है। विभाग ने स्टेडियम की जमीन को टरेक्टर से जोतकर उसमे कथित टरेक की मार्किगं की है।

बनया गया टरेक भी उबड खाबड है। गोलाकार शेप मे बनाये गये टरेक के दोनो आरे इंटे खडी कर मार्किंग की गयी है जिसर्की इंटे जगह जगह पर बिखर रही है। टरेक के बीचो बीच बिजली का खंबा लगा है। विद्युत लाईन के तार नीचे झूल रहे है। जो किसी भी हादसे का कारण बन सकता है। टरेक्टर से जुतायी के कारण पूरा टरेक मिटटी व रेत से भरा पडा है। टरेक मे कंकड पत्थर भरे पडे है। आरोप है कि कथित टरेक मानक के अनुसार नंही बनाया गया है। ग्रामीणो का दावा है कि युवा कल्याण विभाग ने स्टेडियम मे दो दिवसीय प्रतियोगिता का अयोजन करने का दावा किया है। ये कथित प्रतियोगिताएं 14 दिसबंर को मात्र दो घंटे मे संपन्न करा दी गयी ।

टरेक्टर की जुतायी के बाद भी स्टेडियम का उबडखाबड भाग

रामधन क्लब साल्हापुर के संचालक नीरज राठी का कहना है कि बनाया गया टरेक न तो 200 मीटर लंबा है ओर न ही 400 मीटर । इसमे कोई मानक नंही अपनाया गया है। टरेक मे खिलाडियों के वार्मअप के लिये बीस मीटर मे भी सीधा हिस्सा नंही है। उनका कहना है कि इस स्टेडियम के बनाने मे सरकारी धन की बंदर बांट हुई है।

विहिप जिलाध्यक्ष ने की स्टेडियम की निर्माण प्रक्रिया की जांच की मांग

विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष दिग्विजय त्यागी ने कहा कि युवा कल्याण विभाग ने जल्दबाजी मे इस अधूरे स्टेडियम को हेंडओवर क्यांे कर लिया । इस प्रश्न के जवाब मे ही इसके बनाने मे हुए भ्रष्टाचार का मुददा छिपा है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से इसकी पारदर्शी जांच कराने व इसे बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ कडी कार्रवाई कराने की मांग की है।

बीडीसी सदस्य कपिल त्यागी , व सुधीर त्यागी , विकास शर्मा आदि ने ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का स्टेडियम है। युवा कल्याण विभाग के अधिकारियो ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिये इसमे खेल प्रतियोगिता आयोजित करने का नाटक किया है। जबकि अभी तक इसके उदघाटन की रस्म तक पूरी नहंी हुई। ठेकेदार ने आधा अधूरा काम करके इसे हेंडओवर कर अपने उत्तर दायित्व से मुक्ति पा ली है। उधर एसडीएम सुरंेद्र कुमार ने ठेकेदार से अधूरे काम की बाबत पूछा तो ठेकेदार ने स्टेडियम को हेंडओवर करने की बात कहकर पल्ला झाड लिया।