पांच करोड़ रुपये की लागत से अध्याना में बना स्टेडियम आया विवादो के घेरे में

पांच करोड़ रुपये की लागत से अध्याना में बना स्टेडियम आया विवादो के घेरे में
दौडने के लिये बनाये गये टरेक के बीच मे खडा बिजली का पोल

नकुड [इंद्रेश]। अघ्याना मे 4 करोड 98 लाख की लागत से बना मिनी स्टेडियम विवादों के घेरे मे आ गया है। कथित मिनी स्टेडियम के का एक चौथाई हिस्से मे झाडझंकाड खडे है तो ग्रांउड को समतल कराये बिना ही युवा कल्याण विभाग ने खेल प्रतियोगिता आयोजित कर मामले को रफादफा करने का नाकाम प्रयास किया है।

अघ्याना गांव में 42 बीघा जमीन पर 4 करोड 98 लाख रूपये की लागत से मिनी स्टेडियम बनाया गया है। क्षेत्रवासियों के कान तब खडे हो गये जब आधे अधूरे स्टेडियम मे ही युवा कल्याण विभाग ने खेल प्रतियोगिता का अयोजन करने के दावे किये। इस स्टेडियम के नाम पर कार्यदायी संस्था ने तीन कमरे, टायलेट खिलाडियो के लिये ड्रेस चेंज करने के लिये एक खुला चेंजिंग रूम व एक हाल बनाया है। हाल को टिन शेड से ढका गया है। हाल के फर्श पर अभी दरारे दिखायी देने लगी है। जो उसके गुणवत्ता की पोल खोल रही हैं। स्टेडियम के एंटरेंस मे बैनर पर लिखा है आप सीसीटीवी की नजर मे है पंरतु पूरे स्टेउियम मे एक भी कैमरा नंही लगाया गया है।

मिनी स्टेडियम का एक चौथायी हिस्सा झाडझंकाड से ढका हुआ है। जिसमे दिन मे भी कोई घुसने की हिम्मत नही जुटा सकता। इस जंगलनूमा हिस्से में सांप, बिच्छु, जगंली जानवर खिलाडियो के लिये खतरे का कारण बन सकते है। फिर खिलाडी इस स्टेडियम मे कैसे खेलेंगे? यह तो युवा कल्याण विभाग के अधिकारी ही बता सकते है। कार्यदायी संस्था ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर बडे हिस्से मे बांउडरी वाल ही नही बनायी। जो बाउंडरी वाल बनायी गयी है उसकी नीव गायब है। उसके नीचे से मिटटी निकल रही है। कवर्ड ऐरिये की ओर ही दक्षिण की ओर एक बडा हिस्सा उबड-खाबड पडा है। तो ग्राउंड की लेवलिगं तक नही करायी गयी है। विभाग ने स्टेडियम की जमीन को ट्रैक्टर से जोतकर उसमे कथित ट्रेक की मार्किंग की है।

स्टेडियम के एक चौथायी हिस्से में खडे झाड

खिलाडियो की दौड के लिये बनाया गया ट्रैक भी उबड-खाबड है। गोलाकार शेप मे बनाये गये ट्रैक के दोनो आरे इंटे खडी की गयी है जो बिखर रही है। ट्रैक के बीचो बीच बिजली का खंबा लगा है। विद्युत लाईन के तार नीचे झूल रहे है। जो किसी भी हादसे का कारण बन सकता है। ट्रैक्टर से जुतायी के कारण पूरा ट्रैक मिटटी व रेत से भरा पडा है। ट्रैक में कंकड-पत्थर भरे पडे है। आरोप है कि कथित ट्रैक मानक के अनुसार नही बनाया गया है। ग्रामीणो का दावा है कि युवा कल्याण विभाग ने स्टेडियम मे दो दिवसीय प्रतियोगिता का अयोजन करने का दावा किया है। जबकि 14 दिसबंर को दो घंटे के अंदर कथित प्रतियोगित संपन्न करा दी गयी।

रामधन क्लब साल्हापुर के संचालक नीरज राठी का कहना है कि बनाया गया ट्रैक न तो 200 मीटर लंबा है ओर न ही 400 मीटर। इसमे कोई मानक नही अपनाया गया है। ट्रैक में खिलाडियों के वार्मअप के लिये बीस मीटर में भी सीधा हिस्सा नही है। जबकि दौड शुरू करने के लिये ट्रैक की शुरूआत सीधी होनी चाहिए। उनका कहना है कि इस स्टेडियम के बनाने में सरकारी धन की बंदर बांट हुई है।

ट्रैक्टर की जुतायी के बाद भी स्टेडियम का उबड-खाबड भाग

विहिप जिलाध्यक्ष ने की स्टेडियम की निर्माण प्रक्रिया की जांच की मांग

विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष दिग्विजय त्यागी ने कहा कि युवा कल्याण विभाग ने जल्दबाजी में इस अधूरे स्टेडियम को हेंडओवर क्यों किया? इस प्रश्न के जवाब मे ही इसके बनाने मे हुए भ्रष्टाचार का मुददा छिपा है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से इसकी पारदर्शी जांच कराने व इसे बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ कडी कार्रवाई कराने की मांग की है।

बीडीसी सदस्य कपिल त्यागी, व सुधीर त्यागी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का स्टेडियम है। युवा कल्याण विभाग के अधिकारियो ने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिये इसमे खेल प्रतियोगिता आयोजित करने का नाटक किया है। जबकि अभी तक इसके उदघाटन की रस्म तक पूरी नहीं हुई। ठेकेदार ने आधा-अधूरा काम करके इसे हेंडओवर कर अपने उत्तरदायित्व से मुक्ति पा ली है। अध्याना निवासी विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। कहा कि इसके निर्माण करने वाले ठेकेदार व अधिकारियो के खिलाफ कडी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि कोई सरकारी धन का दुरूपयोग करने की हिम्मत न कर सके।