विराट कवि सम्मेलन में गूंजे ओज, हास्य और श्रृंगार के स्वर, सुबह 4 बजे तक झूमते रहे दर्शक

सहारनपुर। श्री दिगंबर जैन गजरथ महोत्सव यात्रा के उपलक्ष में जैन धर्मशाला सहारनपुर में आयोजित विराट कवि सम्मेलन ने काव्य प्रेमियों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंडलायुक्त अटल राय एवं नगरायुक्त शिबू गिरि के मुख्य आतिथ्य में हुआ। दीप प्रज्वलन अजय जैन, अविरल जैन एवं श्रीमती पिंकी जैन द्वारा किया गया, जबकि चित्र अनावरण श्रीमती सरिता जैन ने किया। मंच का उद्घाटन टोली गुलाबान के चैधरी अवनीश जैन राजा ने किया।
मंडलायुक्त अटल राय ने अपने उद्बोधन में कविता की व्याख्या करते हुए कहा कि कविता की उत्पत्ति पीर से होती है, जब हृदय में कोई पीर दिन-रात रोती हैय जब प्रफुल्लित होते हैं भाव और विचार, तब शब्दों में ढलकर कविता बन जाती है। नगरायुक्त शिबू गिरी ने कहा कि जैन धर्म की सरलता, सहजता और अनुशासन उन्हें सदैव प्रेरित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महावीर जैन ने की और स्वागताध्यक्ष अविनाश जैन (नाटी अर्णव) रहे। विशेष अतिथि के रूप में विजय कुमार, नवीन कुमार जैन, चैधरी राकेश कुमार जैन एवं अरुण जैन मौजूद रहे। देश के विभिन्न राज्यों से पधारे कवियों ने अपनी ओजस्वी, हास्य और श्रृंगार रस की कविताओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। क्रांति कवि सौरभ सुमन ने वीर रस की कविता राष्ट्रभक्ति के प्रश्नों से तुम भले नाम हटवा देना… सुनाकर सभागार में देशभक्ति की ज्वाला जगा दी। बाल कवित्री सानवी जननी ने अपनी मधुर रचना से सबका दिल जीत लिया। विनोद पाल ने अपनी रचना खो दे जो पहचान तुम्हारी… से लव जिहाद पर प्रहार किया, जबकि हिमांशु शर्मा ‘बवंडर’ ने भावनात्मक कविता ष्एसी की ठंडक न दे, बूढ़े बरगद की छांव तो दे दो… सुनाकर सभी की आंखें नम कर दीं। इनके अलावा वीर रस के प्रख्यात कवि डॉ. मोहित संगमनेर, गीतकार दिनेश रघुवंशी, श्रृंगार रस की कवियत्री पद्मिनी शर्मा ने अपनी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में राजेश कुमार जैन, राकेश जैन, संजीव जैन, विपिन जैन, अरुण जैन, विनोद जैन चैधरी, अनुज जैन, अविनाश राजा, अनिल जैन मंटू, संदीप जैन, डॉ. ए.के. जैन सहित जैन समाज के सैकड़ों गणमान्यजन उपस्थित रहे। रात्रि भर चली काव्य वर्षा में दर्शक ‘वंस मोर! वंस मोर! के नारों के साथ कवियों का उत्साहवर्धन करते रहे। पंडाल में सुबह चार बजे तक कविताओं की गूंज और करतल ध्वनि से माहौल उत्सवमय बना रहा।