20 साल नौकरी करने के बाद बर्खास्त हुए थे ‘असली’ रामप्रसाद, आठ महीने बाद ऐसे हुए बहाल

20 साल नौकरी करने के बाद बर्खास्त हुए थे ‘असली’ रामप्रसाद, आठ महीने बाद ऐसे हुए बहाल

परिषदीय विद्यालयों में दूसरे के प्रमाणपत्र के सहारे तकरीबन 20 सालों से नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षक को बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है। वहीं सत्यापन में सभी दस्तावेज सही रूप से प्रस्तुत करने वाले असली रामप्रसाद को आठ महीने बाद बहाल कर दिया है। आठ महीने बाद उनका वेतन जारी किया जा सकेगा। वहीं संदिग्ध 25 और शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इनके प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही इन्हें वेतन जारी किया जाएगा।

बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि उरुवा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कंधला और जंगल कौड़िया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय उस्का में तैनात रामप्रसाद नाम के दो शिक्षकों के खिलाफ लिखित शिकायत मिली थी। जांच के दौरान सत्यापन के लिए दोनों को बुलाया गया।

जंगलकौड़िया वाले राम प्रसाद सत्यापन से कन्नी काटते रहे, जबकि उरुवा के रामप्रसाद ने सभी दस्तावेजों को प्रस्तुत कर अपनी सच्चाई साबित की। जिसके बाद उनका निलंबन वापस कर लिया गया है। एसटीएफ की छापेमारी के बाद से बेसिक शिक्षा विभाग को दूसरे के प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की शिकायतें पिछले वर्ष से ही लगातार मिल रही हैं। जांच के आधार पर अब तक 43 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं 25 शिक्षक निलंबित किए गए हैं।

चंदौली की शिक्षिका सुनीता ने की शिकायत
चंदौली में तैनात एक शिक्षिका ने फोन पर अपने दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने का आरोप पॉली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बाघनगर गोल्हिया में तैनात सुनीता पर लगाया है। प्रारंभिक जांच के बाद बेसिक विभाग ने सुनीता को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है।