‘अंग्रेजी कानून का मकसद भारतीयों को गुलाम रखना’, नए आपराधिक कानूनों के समीक्षा समारोह में बोले पीएम मोदी
‘हर कानून को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जांचा गया’
प्रधानमंत्री ने कहा, आजादी के बाद से पिछले 7 दशकों में, भारतीय न्याय प्रणाली को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। गहन विचार-विमर्श के बाद भारतीय न्याय संहिता का निर्माण किया गया है। प्रत्येक कानून को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जांचा गया है और भविष्य के मापदंडों के आधार पर परिष्कृत किया गया है। मैं इस उपलब्धि के लिए सर्वोच्च न्यायालय, माननीय न्यायाधीशों और देश के सभी उच्च न्यायालयों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं।
‘अंग्रेजी कानून का मकसद भारतीयों को गुलाम रखना’
‘सदियों की गुलामी के बाद देश आजाद हुआ’
पीएम मोदी का संबोधन शुरू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहां की भारतीय न्याय संहिता अपने आप में एक समग्र दस्तावेज है और इसको बनाने की प्रक्रिया भी उतनी ही व्यापक है। इसमें देश के मुख्य न्यायाधीशों का सुझाव और मार्गदर्शन रहा। इसके अलावा देश के सभी उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का भी विशेष योगदान रहा है।
प्रधानमंत्री को बताया नहीं हो सकेगी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़
चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने प्रधानमंत्री के सामने हत्या का एक काल्पनिक क्राइम सीन तैयार तैयार किया गया। इस दौरान पुलिस टीम ने प्रधानमंत्री को बताया कि वारदात पर ही वीडियोग्राफी की जाती है, इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।पीड़ित और गवाहों के बयान भी वीडियो रिकार्डिंग से दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों को सूचना मिलने के दो महीने के भीतन निपटाना होगा।
इसमें जांच से लेकर न्याय तक की प्रक्रियाओं की झलक दिखाई गई। पहली बार कानून के कार्यान्वयन को जनता के सामने प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसमें आपराधिक मामलों में न्याय कैसे दिया जाता है, इस पर फोकस रहा।
एग्जीबिशन हॉल में प्रदर्शनी देख रहे हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एग्जीबिशन हॉल में प्रदर्शनी देख रहे हैं साथ में गृह मंत्री अमित शाह हैं। एसएसपी कंवरजीत कौर उन्हें जानकारी दे रही हैं।