‘उन्होंने जो वादे किए हैं, वह अवास्तविक हैं’, महागठबंधन के घोषणा पत्र पर भूपेंद्र चौधरी का तंज

‘उन्होंने जो वादे किए हैं, वह अवास्तविक हैं’, महागठबंधन के घोषणा पत्र पर भूपेंद्र चौधरी का तंज

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ शीर्षक से अपना साझा घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिस पर उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने जो वादे किए हैं, ऐसे वादे करना अवास्तविक है.

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने  कहा, “यह कोरी कल्पना है, ऐसे वादे करना अवास्तविक है. जहां तक ‘घर-घर नौकरी’ के दावे का सवाल है, बिहार में लगभग 2.5 करोड़ परिवार हैं, यह कोई सटीक आंकड़ा नहीं है, लेकिन लगभग 13 से 14 करोड़ की आबादी को देखते हुए यह उचित नहीं लगता है.”

तेजस्वी के ‘हर घर नौकरी’ के दावे पर उठाया सवाल

उन्होंने कहा कि अभी लगभग 18 से 20 लाख के करीब लोग बिहार में सरकारी नौकरी कर रहे हैं. अगर तेजस्वी यादव को 2.5 करोड़ परिवार को एक-एक नौकरी देनी है तो इसका मतलब है कि 2.25 करोड़ भर्ती करनी होगी. जितना बिहार सरकार का बजट है, उससे दस गुना बजट इस वेतन में जाएगा. तो, इसके लिए क्या व्यवस्था होगी, कहां से धनराशि लाएंगे. इस तरह का कोई बजट नहीं है. बस हवा-हवाई बातें हो रही हैं.

‘तेजस्वी यादव लोगों को कर रहे हैं गुमराह’

भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव लोगों को गुमराह करने के लिए झूठा वादा कर रहे हैं. इन लोगों को भी पता है कि इनकी सरकार नहीं आ रही है. बस, लोगों को गुमराह करके जितना अधिक से अधिक वोट ले सकते हैं, वही लेने की कोशिश कर रहे हैं. देश की जनता के साथ-साथ अब प्रदेश की जनता भी हर बात समझ रही है.

तेजस्वी यादव के परिवार पर साधा निशाना

उन्होंने तेजस्वी यादव के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता ने 1990 से 2005 तक जंगलराज देखा है. उस समय इनके परिवार का ही राज था. बिहार की जनता परेशान थी और उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं था. बिहार की जनता को आज भी याद है कि किस तरह के जाति दंगे और नरसंहार होते थे. उस समय सरकार ने नौकरी तो केवल उनके परिवार तक ही सीमित रखी थी.

उन्होंने कहा कि केंद्र में जब लालू यादव मंत्री बने तो उनका घोटाला इतिहास बन गया है. नौकरी के बदले जमीन का काम जो किया था, वह जनता कभी भूल नहीं सकती है. अब जनता का विश्वास ये लोग खो चुके हैं, सरकार अब इनकी आने वाली नहीं है.