लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपने चार दिवसीय दौरे के चौथे और अंतिम दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द विधान भवन में सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान मंडल के संयुक्त सदन को संबोधित किया। इसका आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व के सबसे विशाल लोकतंंत्र के सबसे बड़े राज्य के विधानमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए मुझे बेहद हर्ष का अनुभव हो रहा है। अगर हम दुनिया के तीन लोकतांत्रिक देशों फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंंगडम की बात करें तो जितनी इन तीनों देशों की आबादी है उतनी सिर्फ उत्तर प्रदेश की आबाद है। उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक की आबादी अनेकता में एकता की हमारी सांस्कृतिक विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है। मेरे कानपुर और गोरखपुर की यात्रा मेरे मानस पटल पर हमेशा अंकित रहेगी। संतकबीर नगर में संत कबीर की समाधि पर जाना मेरे लिए किसी तीर्थ स्थल पर जाने से कम नहीं है।
विधान भवन के मंडप में सुबह 11 बजे शुरू होने वाले इस विशेष सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी संबोधित किया।
संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक सामान्य परिवार में जन्म लेने के बाद भी माननीय राष्ट्रपति आदरणीय श्री राम नाथ कोविन्द जी भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होकर देश की गरिमा बढ़ा रहे हैं। यह देश और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में सुशासन व गरीब कल्याण को समर्पित 08 वर्ष पूर्ण हुए हैं। इन 08 वर्षों में देश वासियों के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी हुई है, साथ ही बुनियादी सुविधाएं भी बढ़ी हैं।
जन-जन तक बिना भेदभाव के विकास व कल्याणकारी योजनाएं पहुंची हैं। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल स्थापना काल से ही अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल ने समय-समय पर प्रत्येक क्षेत्र को नई दिशा प्रदान की है तथा लोक-कल्याण व प्रदेश की प्रगति की दिशा में नए आयाम स्थापित किए हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द न सिर्फ उत्तर प्रदेश के निवासी हैं बल्कि देश में विधायिका के शीर्ष अधिष्ठान संसद के अभिन्न अंग भी हैं। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का भी गौरवशाली अतीत रहा है। देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत की उपलब्धियों का पुनरावलोकन करने के साथ ही अगले 25 वर्षों के लिए कार्ययोजना तैयार करने का आह्वान किया है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति दोनों सदनों के सदस्यों का मार्गदर्शन करेंगे। इस विशेष सत्र में विधान सभा तथा विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष समेत सभी सदस्य शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के इस एतिहासिक तथा गौरवशाली क्षण के लिए लखनऊ रविवार से ही तैयार है।
सोमवार को राष्ट्रपति की फ्लीट लगभग 10.30 बजे राजभवन से विधानभवन के लिए निकलेगी। विधानभवन के पोर्टिको में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधान परिषद सभापति मानवेंद्र सिंह, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक के साथ ही सभी पार्टियों के विधानमंडल दल के नेता राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। इसके बाद ठीक 11 बजे राष्ट्रपति विधानसभा मंडप में पहुंचेंगे। यहां वह संयुक्त सत्र में विधानमंडल सदस्यों को मार्गदर्शन देंगे। राज्यपाल, विधान परिषद सभापति, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का भी संबोधन होगा। करीब एक घंटे विधानभवन में रहने के बाद राष्ट्रपति की राजभवन में वापसी होगी। राष्ट्रपति के सम्मान में दोपहर का भोजन राजभवन में ही रखा गया है। सोमवार देर शाम राष्ट्रपति की लखनऊ से वापसी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द इस इत्र के लिए रविवार देर शाम लखनऊ पहुंचे। उन्होंने राजभवन में रात्रि विश्राम किया।
राष्ट्रपति बीते शुक्रवार से ही उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। शुक्रवार को वह कानपुर देहात में अपने गांव परौंख में थे। शनिवार को कानपुर शहर में एक कार्यक्रम के बाद गोरखपुर पहुंचे। रविवार को संतकबीर नगर के मगहर में कार्यक्रम के बाद शाम को वाराणसी पहुंचे और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद देर शाम लखनऊ पहुंचे।
दोनों सदनों के समक्ष दूसरी बार होगा राष्ट्रपति का संबोधन : यह दूसरा मौका होगा जब राष्ट्रपति विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तरशती रजत जयंती समारोह में आठ जनवरी 2013 को दोनों सदनों को संबोधित किया था। इस मौके पर उन्होंने उप्र विधानमंडल पर विशेष डाक टिकट भी जारी किया था।