CBI के नियमित डायरेक्टर की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

नई दिल्ली । केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ के डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इस याचिका में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष वाली समिति से सीबीआइ के नियमित डायरेक्टर नियुक्त करने की मांग की गई है। एनजीओ कॉमन कॉज ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि नियमित निदेशक नियुक्त करने के बजाय सरकार ने पिछले सीबीआइ निदेशक का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अंतरिम निदेशक नियुक्त किया है।
याचिका में आगे कहा गया है कि सरकार ने इसी साल 2 फरवरी को निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला के कार्यकाल की समाप्ति के बाद दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 4 ए के अनुसार सीबीआइ के निदेशक को नियुक्त करने में विफल रही है और 3 फरवरी को प्रवीन सिन्हा को डायरेक्टर मिलने तक अस्थाई निदेशक नियुक्त कर दिया गया।
पद खाली होने से एक या दो महीने पहले जानकारी देने की मांग
याचिका में भविष्य में सीबीआइ निदेशक के चयन प्रक्रिया को अग्रिम रूप से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। पद खाली होने से एक या दो महीने पहले जानकारी देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी होने के नाते सीबीआइ, केंद्र और राज्य सरकारों की संस्थाओं से जुड़े भ्रष्टाचार से जुड़े अपराधों की जांच करती है और शीर्ष अदालत ने समय-समय पर सीबीआइ को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे महत्वपूर्ण मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा है।
नियमित निदेशक नियुक्त करने की मांग
याचिकाकर्ता ने लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 द्वारा संशोधित दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 की धारा 4 ए में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सीबीआइ के नियमित निदेशक नियुक्त करने के लिए भारत सरकार को एक उचित रिट जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है।