क्रोध को जड़ से नष्ट करने का एकमात्र उपाय है प्रेम: संत कमल किशोर

क्रोध को जड़ से नष्ट करने का एकमात्र उपाय है प्रेम: संत कमल किशोर
  • सहारनपुर में जिला कारागार में कैदियों को सम्बोधित करते महामंडलेश्वर कमल किशोर।

सहारनपुर [24CN]। सिद्धयोग मठ अखाड़े के महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने कहा कि क्रोध अपराध की जननी है। क्रोध को जड़ से नष्ट करने के लिए प्रेम ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा के लिए हम सभी को मिलकर रक्तदान करना चाहिए ताकि हमारे आपस में खून के रिश्ते बन सकें।

संत कमल किशोर आज यहां जिला कारागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बंदियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने क्रोध को अंधकार की संज्ञा देते हुए कहा कि जिस प्रकार अंधेरे को रोशनी या प्रकाश से दूर किया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार क्रोध को भी प्रेम से जीता जा सकता है क्योंकि प्रेम नि:स्वार्थ रूप से देना जानता है लेना नहीं। उन्होंने अपने 150 बार किए गए रक्तदान का उदाहरण देते हुए कहा कि रक्त की आवश्यकता पडऩे पर ब्लड बैंक से कोई जाति या धर्म देखकर रक्त नहीं लेता। आज तक रक्त किसी फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सका। इसलिए मानव का रक्त मानव को ही चढ़ाया जा सकता है, किसी जानवर का नहीं।

उन्होंने कहा कि युग-युगों से रक्त का रंग लाल रहा है और आने वाले युगों में भी रहेगा और आज भी है तो फिर धर्म के नाम पर दंगे-फसाद, जातियों के नाम पर लड़ाई और ऊंच-नीच के नाम पर लड़ाई-झगड़े क्यों हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी से ऊपर उठकर मानवता की सेवा के लिए हम सभी को रक्तदान करना चाहिए ताकि हमारे आपस में खून के रिश्ते बनें। इस दौरान कारागार उपाधीक्षक राजेश पांडेय, शून्य संस्था के प्रचार मंत्री धीरेंद्र सिंह राठौर, कारागार उपाधीक्षक अभय कुमार शुक्ला आदि मौजूद रहे।