महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हुई 53 करोड़, महाशिवरात्रि तक 60 करोड़ के करीब स्नानार्थियों के आने की उम्मीद
अमावस्या की तरह उमड़ी भीड़, बदलना पड़ा प्लान
छुट्टी के दिन रविवार को अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से शाम तक पावन संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ की आकांक्षा लिए हुए जनज्वार उमड़ता रहा। इससे कई स्थानों पर स्थिति बिगड़ गई, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्लान बदलना पड़ा। प्रयागराज मुख्यालय से 30 से 40 किलोमीटर दूर वाहनों को डायवर्ट कर पार्किंग में भेजा गया। संगम तट और वहां तक आने-जाने वाले रास्ते भी चोक रहे।
मेला क्षेत्र के प्रवेश मार्ग पर स्नानार्थियों की गाड़ियां घंटों फंसी रहीं और कई हिस्से में जाम लगा रहा। राजमार्गों पर दूसरे भी दिन वाहन रेंगते रहे और पार्किंग तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। करीब 15 घंटे में 50 हजार से अधिक वाहन जिले में प्रवेश हुए और इसी अनुपात में वापस गए। शाम चार बजे तक 1.18 करोड़ ने स्नान किया। सनातन संस्कृति की संवाहक त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने की भीड़ पांच मुख्य स्नान पर्व समाप्त होने के बाद भी कम नहीं हो रही है।श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी भी भीड़ का अनुमान लगाकर योजना बनाकर क्रियान्वित कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से सामान्य दिनों में लोग महाकुंभ आ रहे हैं, उससे यातायात व्यवस्था चरमरा जा रही है।
